28 अगस्त को उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर में बडी डकैती के बाद स्पेशल टास्क फ़ोर्स मंगेश यादव और उसके डकैत गिरोह के पिछे पड़ी थी। जिसके बाद गुरुवार 5 अगस्त के करीब रात 3:30 बजे आरोपी को पकड़ने पहुंची। पुलिस पर गिरोह द्वारा गोलीबारी के बाद मंगेश जवाबी कारवाई में मारा गया। अब मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमाई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव डकैत मंगेश यादव के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने उसके घर गए है।
डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए समजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कई आरोप करते हुए इसी नकली एनकाउंटर कहा है। उन्होंने कहा है की, अपराधी की ‘जाती’ देखकर उसका एनकाउंटर किया गया है। अपने एक्स’ अकाउंट से उन्होंने लिखा- लगता है डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया, अन्य विपक्षियों के सिर्फ पैर पर गोली मारी गई जबकी ‘जाती’ देखकर जान ली गई। साथ ही उन्होंने अपने प्रतिनिधी मंडल को डकैत मंगेश के घर जौनपुर में भेजा है।
विरोधकों ने सपा सांसद को घेरना शुरु किया है। लोगों ने उनकी ‘मुस्लिम’, ‘यादव’ तुष्टिकरण और जातिवाद की राजनीती पर फिर से आलोचना शुरू की है। एक आलोचक सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर कहा है, ‘मंगेश यादव जैसे अपराधियों का समाज में खुला घूमना असल में अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के तुष्टिकरण की राजनीती का ही असर है। वहीं पुलिस पर गोली चलाने वाले डकैत के घर सपा नेताओं की टोली भेजकर अखिलेश यादव, ‘यादव’ समाज को ‘डकैती करना सही है’ ऐसा संदेश दे रहें है क्या?’
आपको बता दें, मंगेश फरार बदमाश था, जिस पर वर्ष 2022 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। साथ ही चोरी, लूटपाट, डकैती जैसे संगीन मुक़दमे दर्ज थे। साथ ही एनकाउंटर में मारे गए मंगेश यादव पर 1 लाख का इनाम था। वहीं बीते 28 अगस्त को मंगेश और उसकी गैंग ने सुल्तानपुर शहर चौक के ठठेरी बाजार में के भरत सर्राफा के दुकान में दिनदहाड़े लूट की थी। लूट का माल भी करोड़ों का था, वहीं देहात कोतवाली में एसटीएफ की टीम के साथ मुठभेड़ में मंगेश मारा गया।