मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी। मनोज जरांगे ने चेतावनी दी कि अगर इस कमेटी की रिपोर्ट सकारात्मक नहीं रही तो वे राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालेंगे|साथ ही कमेटी की रिपोर्ट में क्या होना चाहिए? इस पर मनोज जरांगे ने कमेंट किया|
“सरकार ने सेवानिवृत्त न्यामूर्ति संदीप शिंदे समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट नहीं खोली है। इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि उस रिपोर्ट में क्या है|शिंदे कमेटी को रिकॉर्ड की जांच करनी है|मराठा समाज कुनबी कैसा है, मराठा कुनबी एक है, हैदराबाद गैजेट के पास राज्य में मराठा समाज के बारे में कई सबूत हैं|यह संभवतः 1884 से पूर्व की राज्य की जनगणना के सभी विषयों की रिपोर्ट होगी। मराठा और कुनबी 83वें नंबर पर हैं| मनोज जरांगे ने बताया कि शिंदे कमेटी तभी उपयोगी है, जब उसने इस पर काम किया हो|
“शिंदे समिति जिस पर काम कर रही है, शिंदे समिति के निवासियों को हैदराबाद, बॉम्बे और सतारा गैजेट लेने के लिए कहा गया था। राजपत्र में प्रविष्टियाँ, बाद में मिले आठ हजार प्रमाण, संस्थान के पास मिले प्रमाण, क्रमांक 80 एक अलग भाग है। रोटी-बेटी लेनदेन के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए शिंदे समिति का गठन किया गया था।
मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा और कुनबी एक ही हैं और इसीलिए शिंदे समिति का गठन किया गया था। यह अच्छी बात है कि राज्य में मराठा और कुनबी एक हैं और इसी रिपोर्ट को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है| रिपोर्ट स्वीकार होना अच्छी बात है, गरीबों को न्याय मिलना चाहिए|
मनोज जरांगे की सरकार को चेतावनी: “जो लोग आंदोलन का विरोध करते हैं वे बैठकें बुलाते हैं, सरकार गरीबों की कॉल लेने का जोखिम नहीं उठा सकती, चाहे कितनी भी फर्जी बैठकें आयोजित की जाएं। जो लोग इस प्रक्रिया में नहीं हैं और आप उनके बारे में डींगें हांक रहे हैं, और रिपोर्ट भी गलत रही होगी और बैठक भी गलत रही होगी, तो यह सरकार नहीं हो सकती। जनता आपकी है, नाटक आपके हैं और देखने वाली जनता एक तरफ| मनोज जरांगे सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आरक्षण का विरोध करने वाले के साथ काम करोगे तो सबक सिखाया जाएगा|”
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