29 C
Mumbai
Thursday, November 14, 2024
होमदेश दुनियाबुलडोजर संस्कृति पर कड़ा प्रहार: बुलडोजर कल्चर पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़...

बुलडोजर संस्कृति पर कड़ा प्रहार: बुलडोजर कल्चर पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तल्ख टिप्पणी!

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने योगी सरकार को जमकर फटकार लगाई| कोर्ट ने मामले में सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है|

Google News Follow

Related

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ ने अपने अंतिम फैसले में बुलडोजर न्याय पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब कानून का राज हो तो सरकार का बुलडोजर न्याय स्वीकार्य नहीं है| किसी की संपत्ति को नष्ट करके न्याय नहीं मिल सकता। बुलडोजर की धमकी से लोगों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता| यह कार्रवाई कानून की नजर में सही नहीं है| मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट राय व्यक्त की कि यह कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है|

यह सभ्य न्याय का हिस्सा नहीं है: मुख्य न्यायाधीश डी. वाई इस संबंध में एक मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष हुई। उस समय मुख्य न्यायाधीश ने बुलडोजर संस्कृति पर कड़ा प्रहार किया था| उन्होंने बताया कि बुलडोजर की मदद से न्याय देना सभ्य न्याय का हिस्सा नहीं है|

तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को अवैध और गैरकानूनी अतिक्रमणों पर हथौड़ा चलाने और बुलडोजर चलाने से पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। उन्होंने फैसले में कहा कि बुलडोजर वाला न्याय स्वीकार्य नहीं है|

आर्टिकल 300A जारी: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने आर्टिकल 300A जारी किया|भले ही बुलडोजर फैसले को बरकरार रखा जाए, अनुच्छेद 300ए के तहत नागरिकों को दिया गया संपत्ति का अधिकार संवैधानिक नहीं होगा। इस पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत, किसी भी व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया के बिना संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया|सुनवाई के दौरान कोर्ट ने योगी सरकार को जमकर फटकार लगाई| कोर्ट ने मामले में सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है|

जिसका घर तोड़ा उसे 25 लाख दें: योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर चीफ जस्टिस ने बोला हमला आप इस तरह लोगों के घर कैसे उजाड़ सकते हैं? किसी के घर में घुसना अराजकता है। यह पूरी तरह मनमाना है| कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना कोई उचित प्रक्रिया पूरी किए इस तरह की कार्रवाई उचित नहीं है। अंतिम फैसले में मुख्य न्यायाधीश ने उस व्यक्ति को 25 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसका घर तोड़ा गया था|

यह भी पढ़ें-

विधान​ सभा चुनाव 2024 ​: मावि​आ​ नेताओं को नरेंद्र मोदी की चुनौती​, कहा, ‘राहुल गांधी से​ …!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,317फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
190,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें