कंगाली, अस्थिर सरकार और मिलिट्री डिक्टेटरशिप में जकड़े पाकिस्तान को अमेरिका से बड़ा झटका मिला है। अमेरिका ने बैलिस्टिक मिसाइल प्रोगाम में मदद कर रही 4 प्रमुख यूनिट्स पर प्रतिबंध लगाए है। इसमें वो संस्थाएं भी शामिल हैं, जो हथियारों के प्रसार या वितरण में योगदान दे रही थी।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम से होने वाले खतरे को देखते हुए अमेरिका ने चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया है।
अमेरिका ने सरकारी एयरोस्पेस एवं रक्षा एजेंसी नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स समेत चार पाकिस्तानी कंपनियों पर बैन लगाया है। इस्लामाबाद स्थित NDC के अलावा कराची की तीन अन्य संस्थाएं ‘अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड’, ‘एफिलिएट्स इंटरनेशनल’ और ‘रॉकसाइड एंटरप्राइज’ इनमें शामिल हैं।
बता दें कि एनडीसी ने पाकिस्तान के लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए सामग्री हासिल करने के लिए काम किया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने जारी किए बयान में कहा कि ‘अमेरिका का आकलन है कि NDC पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए जिम्मेदार है। इसमें शाहीन सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल हैं। वहीं, अख्तर एंड संस प्राइवेट लिमिटेड ने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरणों की आपूर्ति के लिए एनडीसी के लिए काम किया है। एफिलिएट्स इंटरनेशनल ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक-मिसाइल कार्यक्रम को लेकर एनडीसी और अन्य के लिए उपकरण खरीदे हैं।’
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बयान में आगे कहा गया कि ‘रॉकसाइड एंटरप्राइज ने भी पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरणों की आपूर्ति के लिए एनडीसी के लिए काम किया है। अमेरिका का कहना है कि उसने पाकिस्तान की लंबी दूरी की मिसाइल के प्रसार के खतरे को देखते हुए और जनहानि को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। वहीं, अमेरिका के इस फैसले के चलते कोई भी पाकिस्तान की प्रतिबंधित कंपनियों को अमेरिकी सामान नहीं भेजा जाएगा। यही नहीं, अमेरिका के नागरिक या फिर बिजनेसमैन इनके साथ न तो जुड़ सकेंगे न ही व्यापार या नौकरी कर सकते हैं।’
वहीं, अमेरिका के इस कदम पर पाकिस्तान की भी प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस कारवाई को “दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपातपूर्ण” बताया है। कहा जा रहा है की, पकिस्तान की हालिया सरकार और मिलिट्री इस्टैब्लिशमेंट को अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन है, जबकि ट्रंप के सत्ता में आने की हलचलें शुरू होने के बाद अब पाकिस्तान की हालत फिर पतली हो सकती है।