26 C
Mumbai
Saturday, December 28, 2024
होमन्यूज़ अपडेटMaharashtra: मंत्रिमंडल विस्तार में नये लोगों को मिला अवसर, कई वरिष्ठों को...

Maharashtra: मंत्रिमंडल विस्तार में नये लोगों को मिला अवसर, कई वरिष्ठों को लगा झटका!

शीतकालीन सत्र से पहले हुए विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिली| इसके बाद केलकर ने मंत्री पद नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है| इस बार कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर विधायक संजय केलकर ने कहा, 'आखिरकार पार्टी और पार्टी का केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व ही फैसला लेता है|

Google News Follow

Related

राज्य में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद महायुति ने एक बार फिर सरकार बना ली है|हाल ही में देवेन्द्र फडनवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार तथा एकनाथ शिंदे के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था।इसमें महागठबंधन में शामिल सभी दलों ने झटका देने की रणनीति अपनाते हुए वरिष्ठों को छोड़कर नये लोगों को मौका दिया है| इस बीच, भाजपा में मंत्री पद की आस लगाए बैठे कई लोगों को कैबिनेट में जगह नहीं मिली|
इसके बाद कुछ ने नाराजगी जताई तो कुछ ने चुप रहना ही बेहतर समझा| इस बीच, ठाणे विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक संजय केलकर ने मंत्री पद नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है| विधायक संजय केलकर लगातार तीसरी बार भाजपा से ठाणे विधानसभा क्षेत्र से जीते हैं| ऐसे में चर्चा थी कि उन्हें इस साल कैबिनेट में जगह मिलेगी|
लेकिन शीतकालीन सत्र से पहले हुए विस्तार में उन्हें जगह नहीं मिली|इसके बाद केलकर ने मंत्री पद नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है|इस बार कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर विधायक संजय केलकर ने कहा, ‘आखिरकार पार्टी और पार्टी का केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व ही फैसला लेता है| उन्होंने शायद मुझे इसलिए नहीं लिया क्योंकि मुझे नहीं लगा कि मैं इसके लायक हूं। मैं पार्टी की स्थापना के समय से ही इसके लिए काम कर रहा हूं।’
उस समय हमारी आंखों के सामने यह ख्याल भी नहीं था कि हम कभी विधायक, मंत्री बनना चाहेंगे| इसलिए जब मैं उचित समझूंगा तो पार्टी जिम्मेदारी देगी।’ वह तीन बार विधायक बने और उच्च सदन में भी रहे| इसलिए पार्टी जब मन करती है तब जिम्मेदारी देती है|”
महागठबंधन से झटका: मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद शीतकालीन सत्र की शुरुआत में नई सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया| इसमें देखा गया कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों ने झटका देने की रणनीति अपनाई| देखा गया कि भाजपा ने सुधीर मुनगंटीवार, रवीन्द्र चव्हाण, शिवसेना ने दीपक केसरकर, तानाजी सावंत और एनसीपी ने छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल को कैबिनेट से बाहर कर दिया|

उनमें से कुछ ने खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की जबकि अन्य ने चुप रहना पसंद किया। इस बीच मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे कुछ अन्य विधायक भी अपनी नाराजगी जाहिर करते नजर आए|

यह भी पढ़ें-

पीएम मोदी ने दी डेढ़ साल में रिकॉर्ड सरकारी नौकरियां; 71 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,256फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
217,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें