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अरविंद केजरीवाल के घर की कहानी; 1942 का निर्माण और मरम्मत की लागत 33.66 करोड़!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के स्थानीय नेतृत्व तक सभी ने इस घर की तुलना 'शीश महल' से करते हुए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधना शुरू कर दिया है|

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अगले एक महीने में राजधानी दिल्ली विधानसभा चुनाव की जंग का गवाह बनेगी|भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में अपनी ताकत झोंकने की जोरदार तैयारी कर ली है| कहा जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में होने वाले खर्च को लेकर भाजपा ने जोरदार हमलावर है|

क्या है अरविंद केजरीवाल के घर का विवाद?: दरअसल, इस घर का मुद्दा पिछले कुछ सालों से कमोबेश सुर्खियों में रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री का 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास न सिर्फ अरविंद केजरीवाल के आवास की वजह से चर्चा में आया है, बल्कि इस घर के रिनोवेशन में आई 33 करोड़ 66 लाख रुपये की लागत ने कई लोगों की आंखें खोल कर दी हैं|

अब जब दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है तो भाजपा ने ये मुद्दा उठाया है|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के स्थानीय नेतृत्व तक सभी ने इस घर की तुलना ‘शीश महल’ से करते हुए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधना शुरू कर दिया है|

कोरोना काल के समय शुरू!: यह सारा विवाद कोरोना काल यानी 2020 के लॉकडाउन पीरियड के दौरान इस घर के गिरने से शुरू हुआ। यह घर 1942 में बनाया गया था| इस बंगले पर दिल्ली के लोक निर्माण विभाग का कब्जा है| शुरुआत में इस बंगले में पांच बेडरूम और ऑफिस के लिए अलग से व्यवस्था थी| 2015 में लगातार दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद अरविंद केजरीवाल अपने परिवार के साथ इसी घर में रहते थे|

क्या हुआ?: 8 मई 2023 को कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत के आधार पर दिल्ली के तत्कालीन राज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को आरोपों की गहन जांच करने का आदेश दिया|”जब आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार इस बात पर बहस कर रहे थे कि दिल्ली में प्रशासन व्यवस्था का प्रभारी कौन होना चाहिए, प्रमुख सचिन नरेश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में अनियमितताओं की ओर इशारा किया।”

सितंबर 2023 में, सीबीआई ने मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दर्ज की। अगस्त 2024 में, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री आवास में कथित अनियमितताओं के लिए तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया। हमने इसे दुर्भावनापूर्ण कृत्य बताते हुए इसकी आलोचना की। 

कैसे और कितनी बढ़ी लागत?: CAG रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में लागत का ब्योरा दिया गया है| इसके मुताबिक, 2020 में मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत की शुरुआती लागत 7.91 करोड़ रुपये आंकी गई थी| लेकिन जब 2022 में काम पूरा हुआ तो लागत सीधे 33.66 करोड़ पहुंच गई थी! कैग रिपोर्ट में उन कारकों का भी जिक्र किया गया है जिनकी वजह से खर्च में यह बढ़ोतरी हुई|

इसके मुताबिक, पर्दों के लिए 96 लाख, किचन सामग्री के लिए 39 लाख, टीवी कैबिनेट के लिए 20.34 लाख, ट्रेडमिल और अन्य जिम उपकरणों के लिए 18.52 लाख, बंगलों में सिल्क कालीन के लिए 16.27 लाख, मिनीबार के लिए 4.80 लाख और दीवारों पर संगमरमर के पत्थरों के लिए 66.89 लाख खर्च किये गये हैं| इसके अलावा और भी कई बातों का जिक्र किया गया है|

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