महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने मंगलवार को चंद्रपुर जिले के वरोरा के आनंदवन में महारोगी सेवा समिति के लिए कुल ₹३.०८ करोड़ की राशि के तत्काल वितरण के निर्देश दिए। पवार के निर्देशों के बाद इस निधि को तुरंत क्रियान्वित किया गया है। संस्थान को कुष्ठ रोगियों के उपचार और पुनर्वास के लिए ₹१.८६ करोड़ और आनंद अंध, मूकबधिर एवम संधिनिकेतन दिव्यांग कार्यशालाओं के लिए ₹१.२२ करोड़ मिले हैं।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा त्वरित कार्रवाई से ७५ वर्ष पहले दिवंगत समाजसेवी बाबा आमटे और साधनाताई आमटे द्वारा स्थापित महारोगी सेवा समिति की आर्थिक समस्या हल हो सकेगी।
बाबा आमटे और साधनाताई आमटे ने १९४९ में चंद्रपुर जिले के वरोरा तालुका स्थित आनंदवन में महारोगी सेवा समिति की स्थापना की थी। यह संस्था इस वर्ष अपना अमृत महोत्सव मना रही है। संस्था की आर्थिक समस्याओं को इसके सचिव डॉ. विकास आमटे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के संज्ञान में लाया। डॉ. विकास आमटे की मांग पर तुरंत ध्यान देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने ₹३.०८ करोड़ की धनराशि जारी करने के निर्देश दिए, जिसे तत्काल वितरित कर दिया गया।
पिछले ७५ वर्षों से यह संस्था सामाजिक जिम्मेदारी के साथ कुष्ठरोगियों का उपचार और पुनर्वास कर रही है। संस्था द्वारा ग्रामीण परियोजनाओं में पुनर्वासित १५०० कुष्ठ-मुक्त दिव्यांग, निराश्रित, वृद्ध, अनाथ, परित्यक्ता और मानसिक रूप से विकलांग लोगों और उनके बच्चों की देखभाल की जाती है। विशेष स्कूलों और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में ३०० दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के ३५०० छात्रों के लिए विज्ञान, कला, वाणिज्य की शिक्षा का प्रबंध भी संस्था द्वारा किया जाता है।
संस्था के इस सामाजिक योगदान और सेवाभाव को ध्यान में रखते हुए, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य सरकार की ओर से ₹३.०८करोड़ की धनराशि तुरंत जारी की है।
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