केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2025-26 के लिए 8वा बजट पेश कर चुकी है। इसी बीच उन्होंने कृषि के विकास के लिए विभन्न योजनाओं पर बजट जारी किया है। इसी बीच उन्होंने कृषि को विकास का पहला इंजन बनाने की बात की है।
कृषी क्षेत्र के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया बजट:
पीएम धन धान्य कृषि योजना, एक विकासशील कृषि-जिला कार्यक्रम है, जिससे 100 जिलों को कवर किया जाएगा।
उच्च उपज वाले बीजों (HYV seeds) के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा। राज्यों के साथ साझेदारी में सब्जी और फलों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। साथ ही बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
मत्स्य उत्पादों में भारत विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है,इसी के संवर्धन के लिए वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार भारत के आर्थिक क्षेत्र में मत्स्य पालन के सतत दोहन के लिए एक सक्षम ढांचा लाएगी।” कपास उत्पादकता के लिए मिशन कपास की खेती में महत्वपूर्ण सुधार की सुविधा प्रदान होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करते हैं। वहीं बजट में ऋण सीमा को ₹3 लाख की सीमा से बढ़ाकर ₹5 लाख किया जायेगा। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए, असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
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1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों के साथ भारतीय डाक विभाग को भारतीय डाक भुगतान बैंक के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए पुनः स्थापित किया जाएगा। बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय डाक विभाग को एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के लॉजिस्टिक्स संगठन के रूप में भी परिवर्तित किया जाएगा।
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