केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल के दौरान आठवां बजट पेश किया है। इसी बीच विपक्षी पार्टियों ने महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ को निशाना बनाकर बजट सत्र से वाकआऊट किया है। दरम्यान विकसी भारत की नींव को मजबूत बनाने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में विकास उपाय प्रस्तावित किए है।
ये 10 विकास उपाय व्यापक क्षेत्रों में फैले हैं, जिनमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- कृषि विकास को बढ़ावा देना
- ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन बनाना
- सभी को समावेशी विकास पथ पर साथ लेकर चलना
- विनिर्माण को बढ़ावा देना
- एमएसएमई का समर्थन करना
- रोजगार आधारित विकास को सक्षम बनाना
- लोगों, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करना
- ऊर्जा आपूर्ति को सुरक्षित करना
- निर्यात को बढ़ावा देना
- नवाचार को बढ़ावा देना
वहीं इस बजट में आय के ऊपर लगने वाले कर में लक्षणीय बदलाव किए गए है, जिसके तहत 4 लाख से टॅक्स स्लैब्स से शुरुवात होगी।
दरम्यान वित्तमंत्री सीतारमण ने कृषी क्षेत्र को पहला इंजन कहते हुए, पीएम धन धान्य कृषि योजना के बारे में बताया है, जो एक विकासशील कृषि-जिला कार्यक्रम होगा, और इसके तहत 100 जिलों को कवर किया जाएगा। उच्च उपज वाले बीजों (HYV seeds) के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करने तथा राज्यों के साथ सब्जी और फलों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम भी शुरू करने की भी बात की है।
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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों में सुधार के लिए ऋण गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा, जिसमें स्टार्ट-अप भी शामिल होंगे। स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स वैकल्पिक निवेश फंड्स को ₹91,000 करोड़ से अधिक की प्रतिबद्धताएं प्राप्त की जाएंगी।