छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार (1 फरवरी) को एक बार फिर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इस मुठभेड़ में आठ नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस समय नक्सल विरोधी अभियान जोर पकड़ रहा है। इस अभियान को और आक्रामक बना दिया गया है तथा लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में बड़ी संख्या में नक्सलियों का सफाया किया जा रहा है। नक्सली ठिकानों को नष्ट किया जा रहा है और हथियारों के जखीरे भी जब्त किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में गंगालूर थाना क्षेत्र के जंगल में शनिवार सुबह एक मुठभेड़ हुई। अब तक मिली जानकारी के अनुसार सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुई मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए हैं। यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई। इस समय सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी। घटनास्थल पर तलाशी अभियान अभी भी जारी है। पुलिस अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है।
अधिकारियों द्वारा दी गई अतिरिक्त जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में अभी भी छिटपुट गोलीबारी जारी है। इस ऑपरेशन में जिला रिजर्व गार्ड, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और उनकी विशेष इकाई कोबरा के जवान भाग ले रहे हैं। पश्चिम बस्तर संभाग में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर शुक्रवार को यह अभियान शुरू किया गया।
दो दिन पहले झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में झारखंड पुलिस, 209 कोबरा बटालियन, सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस अभियान के दौरान एक नक्सली का शव बरामद किया गया। अतः कुछ लोग घायल हो गये। इसके अलावा, पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटनास्थल से दो इंसास राइफलें बरामद की गईं।
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इस बीच, केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है। दिसंबर 2024 में एजेंडा आजतक में अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केवल दो जिले नक्सल प्रभाव में हैं। और इन्हें 31 मार्च 2023 तक रिहा कर दिया जाएगा। इस बीच, गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव ने कहा कि नक्सलवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है और जल्द ही बस्तर पूरी तरह नक्सल मुक्त हो जाएगा।