दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद अब राजधानी में राजनीति रफ़्तार पकड़ ली है। परिणाम घोषित होते ही सचिवालय को बंद करने से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के इस्तीफे तक कई रोचक गतिविधियां देखने को मिली। अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा को बधाई देते हुए अपनी पार्टी के प्रयासों को भी सराहा।
दिल्ली वालों की मर्ज़ी के आगे बुरी तरह हारी आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता चुनाव मैदान में धराशायी होते नज़र आये। केजरीवाल की बात की जाये तो अपने गढ़ में केजरीवाल 3 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हारे। उन्हें हारने वाले परवेश वर्मा दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके हैं और भाजपा के मुख्यमंत्री के प्रमुख दावेदार हैं।
दिल्ली में भारी जीत के बाद से अटकलें लगायी जा रही हैं कि अगली सरकार का चेहरा कौन होगा। दिल्ली मुख्यमंत्री की रेस में कई नाम सामने आये जिसमें परवेश वर्मा को लेकर सबसे ज़्यादा अनुमान लगाए गए।
वहीं जंगपुरा से मनीष सिसोदिया भी अपने सर्वोच्च शिक्षा के मॉडल के साथ भी फेल हो गए। जंगपुरा में 600 से अधिक वोटों से जीतकर तरविंदर सिंह मारवा ने दिल्ली की जनता को आश्वासन दिया है कि अब उन्हें शराब घोटाले और धोखेबाज़ नेताओं के अनुभव के साथ जीने की ज़रुरत नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीती भारतीय जनता पार्टी दिल्ली को लंदन या पेरिस नहीं बल्कि, दिल्ली वापस बनाने की कोशिश करेगी। लोगों की परेशानियों और आप के झूठ का पर्दाफाश करके जीत हासिल करने वाली भाजपा के नेताओं ने दिल्ली में सभी कार्यकर्ताओं और जनता के भरोसे को सराहा है। अपना गढ़ मानने वाले कई दिग्गज इस चुनाव में ढेर हो गए हैं। आतिशी एकलौती ऐसे प्रमुख नेता हैं जिन्होंने कालका जी से जीत हासिल की है।
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने अरविन्द केजरीवाल को रावण कहा और उनके अहंकार को तोड़ने वाले नतीजे बताये। कवि और पूर्व आप नेता कुमार विश्वास ने भाजपा को बधाई दी और बोले कि आम आदमी पार्टी को अब आत्ममंथन करना चाहिए और अपनी गलतियों और वायदों की नाकामी को लेकर जनता के विश्वास से खेलने के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।
बता दें कि जनता के आदेश के अधीन कांग्रेस के नतीजे में इस बार भी कोई बदलाव नहीं है| पिछले चुनाव की तरह इस बार भी उनका परिणाम शून्य ही रहा, लेकिन इस बार वोट शेयर में बदलाव देखने को मिला है। पिछली बार के मुकाबले वोट शेयर में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली।
वहीं भाजपा ने मीडिया के पूछने पर यही बताया है कि पार्टी हाई कमान का जो भी निर्णय होगा वो सभी को मान्य होगा, हालांकि परवेश वर्मा का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा विजेंदर गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद, और जितेंद्र महाजन के नाम भी चर्चा में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी समिति फैसला करेगी कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
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