प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के अपने 119वें एपिसोड में भारत को प्रभावित करने वाली दो प्रमुख स्वास्थ्य चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया: मोटापे की बढ़ती समस्या और दैनिक आहार में खाद्य तेलों का अत्यधिक उपयोग। उन्होंने इन मुद्दों को स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरे के रूप में उजागर किया और नागरिकों से अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत दुनिया भर में मोटापे की दर में खतरनाक वृद्धि पर चर्चा करके की, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों का हवाला दिया गया, जो दर्शाता है कि 2022 में लगभग 2.5 बिलियन लोग अधिक वजन या मोटापे से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा भारत भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहा है, जहाँ मोटे व्यक्तियों की संख्या चिंताजनक गति से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री के अनुसार, यह प्रवृत्ति मुख्य रूप से अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, खराब खान-पान की आदतों और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोटापा केवल एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है, बल्कि एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर सहित कई पुरानी बीमारियों का कारण बनती है। उन्होंने यह भी बताया कि ये स्थितियाँ स्वास्थ्य सेवा संसाधनों पर भारी बोझ डालती हैं और जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।
बढ़ती मोटापे की समस्या से निपटने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करके स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया है। उन्होंने विशेष रूप से शारीरिक गतिविधि के महत्व पर जोर दिया, जिसमें दैनिक व्यायाम दिनचर्या और योग शामिल हैं, साथ ही स्वस्थ भोजन विकल्प चुनना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि फिटनेस की जीवनशैली अपनाने से मोटापे को रोकने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में काफी मदद मिल सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं, जैसे एक तरीका मैंने सुझाया था, “खाने के तेल में दस पर्सेन्ट (10%) की कमी करना”। आप तय कर लीजिए कि हर महीने 10% कम तेल उपयोग करेंगे। आप तय कर सकते हैं कि जो तेल खाने के लिए खरीदा जाता है, खरीदते समय ही अब 10% कम ही खरीदेंगे। ये मोटापा कम करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय घरों में तेल की बढ़ती खपत के बारे में चिंता जताई। उन्होंने सुझाव दिया कि नागरिकों को अपने खाना पकाने में खाद्य तेलों के उपयोग को 10% तक कम करने के लिए सचेत प्रयास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने खरीदते हुए भी दस प्रतिशत कम तेल खरीदने से शुरुवात करने को कहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अत्यधिक तेल की खपत न केवल मोटापे को बढ़ाती है, बल्कि उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ाती है। इसे संबोधित करने के लिए, उन्होंने स्वस्थ खाना पकाने के तेलों का उपयोग करने की सलाह दी, जैसे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर, और अधिक पौधे-आधारित तेलों को शामिल करना, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं होने का जोखिम कम होता है।
पीएम मोदी ने कहा, आज ‘मन की बात’ में मैं इस विषय पर कुछ स्पेशल मेसेज भी आप लोगों से शेयर करना चाहता हूं। उन्होंने नीरज चोपड़ा की बात करते हुए कहा कि उन्होंने भी सफलतापूर्वक मोटापे पर काबू पाकर दिखाया है। ऑडियो के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े नीरज चोपड़ा ने कहा, मैं आज आप सभी को बताना चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘मन की बात’ में इस बार मोटापे के बारे में चर्चा की है, जो हमारे देश के लिए बहुत ही अहम मुद्दा है, और मैं कहीं ना कहीं इस बात को खुद से भी रिलेट करता हूं। साथ ही नीरज चोपड़ा ने कहा, जब मैंने मैदान पर जाना शुरू किया था तो उस समय में भी मेरा भी काफी मोटा था और जब मैंने तैयारी शुरू की अच्छा खाना शुरू किया तो मेरे स्वास्थ्य में सुधार आया और उसके बाद जब मैं एक प्रोफेशनल खिलाडी बन गया तो उसमें भी मेरी काफी मदद मिली और साथ में बताना चाहूंगा कि जो परिजन हैं वो खुद भी कोई न कोई खेल खेलें और अपने बच्चों को भी लेकर जाएं और एक अच्छी स्वस्थ जीवनशैली बनाएं। अच्छा खाएं और अपने शरीर को एक घंटा या जितना भी समय आप दे सकते हैं दिन में वो व्यायाम के लिए दें । मैं एक बात और बात जोड़नाचाहूंगा अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री जी ने बोला था कि जो खाने में इस्तेमाल होने वाला तेल है उसको 10% तक कम करें, क्योंकि कई बार हम काफी तली हुई चीजें ऐसी चीजें खा लेते हैं जिससे मोटापे पर काफी असर पड़ता है |
यह भी पढ़ें:
हाई वोल्टेज मुकाबला! क्रिकेट प्रेमियों की धड़कनें तेज़, भारत-पाकिस्तान आमने-सामने
इजरायल ने फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की स्थगित!
Tesla Car Cost: भारत में टेस्ला की कार की कीमत कितनी होगी? आयात शुल्क पर कितना पड़ेगा असर?
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, खाने में तेल का कम उपयोग और मोटापे से निपटना यह केवल वैयक्तिक विकल्प नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खान-पान में तेल का अधिक इस्तेमाल Heart Disease, Diabetes और Hyper Tension जैसी ढ़ेर सारी बीमारियों की वजह बन सकता है,इसलिए हमें बिना देर किये, इस दिशा में, प्रयास बढ़ाने होंगे, इसे अपने जीवन में उतारना होगा। हम सब मिलकर इसे खेल-खेल में बहुत प्रभावी रूप से कर सकते हैं।