पाकिस्तान में रमजान के शुरू होने से एक दिन पहले शुक्रवार को जामिया हक्कानिया मदरसा में बम विस्फोट की घटना हुई | इस हमले में तालिबान के गॉडफादर के बेटे हमीदुल हक हक्कानी सहित 5 लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है| स्थानीय पुलिस अधिकारी के अनुसार बम हादसे में 20 लोग घायल हुए हैं|
बता दें कि सभी घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है| उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है| अब तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है| यह घटना खैबर पख्तूनख्वा राज्य के अकोरा खट्टक जिले में हुआ| पुलिस के अनुसार मदरसे हुए बम धमाके में 20 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है|
बम धमाके की घटना के बाद पेशावर के सभी प्रमुख हॉस्पिटल में इमरजेंसी लगा दी गई है| समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती जांच में यह एक सुसाइड बम विस्फोट लग रहा है| इसमें मस्जिद का एक हिस्सा भी टूट गया है| खैबर पख्तून ख्वा के आईजी के अनुसार यह हमला मौलाना हमीदुल हक हक्कानी को निशाना बनाकर किया गया था|
बता दें कि मौलाना हमीदुल हक्कानी, तालिबान के गॉडफादर मौलाना समीउल हक हक्कानी का बड़ा बेटा है| सीनियर हक्कानी अफगान तालिबान का कट्टर समर्थक था| उसने वर्ष 1947 में पाकिस्तान में सबसे प्रभावशाली इस्लामी मदरसों में से एक दारुल उलूम हक्कानिया की स्थापना की थी|
मजे की यह है कि समीउल हक ने ही तालिबान की स्थापना की थी और मुल्ला उमर समेत कई तालिबानी नेताओं को तैयार किया था| मौलाना समीउल हक्कानी की हत्या 2018 में अज्ञात हमलावरों ने कर दी थी|हक्कानी ने पिछले साल ही अफगानिस्तान का दौरा किया था और तालिबान नेताओं से मुलाकात की थी| हक्कानी ने कहा था कि उसकी यात्रा का मकसद पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर करना है|
पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद जामिया हक्कानिया मदरसा पर उनकी हत्या कराने का गंभीर आरोप के साथ ही साथ इस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता आया है| हालांकि मदरसे ने साफ तौर पर हमलावरों के साथ किसी भी तरह के संबंधों से इनकार किया है|
पाकिस्तान खैबर पख्तूनख्वा के नौशेरा के अकोरा खट्टक में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया में हुए आत्मघाती धमाके में पांच लोगों की मौत हो गई| मरने वालों में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के समीउल हक धड़े के प्रमुख मौलाना हमीदुल हक हक्कानी भी शामिल हैं|
हमीदुल हक हक्कानी नवंबर 2002 से 2007 तक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य भी रहे|अपने पिता समीउल हक की नवंबर 2018 में हुई हत्या के बाद जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एस) के प्रमुख बने थे| सुरक्षा एजेंसियों का कहना पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की स्थापना में समीउल हक का प्रमुख हाथ था|
समीउल हक के मदरसे दारूल उलूम हक्कानी से ही तालिबान के कई बड़े नेताओं ने शिक्षा हासिल की थी| इनमें तालिबान नेता अमीर खान मुत्ताकी, अब्दुल लतीफ मंसूर,मौलवी अहमद जान, मुल्ला जलालुद्दीन हक्कानी, मौलवी कलामुद्दीन, अरिफुल्ला आरिफ और मुल्ला खैरुल्लाह खैरवाह के नाम शामिल हैं|
गौरतलब है कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ समझौता किया था|पीटीआई ने पख्तूनख्वा में सरकार चलाई थी|
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