कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल हत्याकांड में आरोपी सचिन को सोमवार (3 मार्च) को पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया, जहां कोर्ट ने उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। मामले की जांच के लिए पुलिस ने आरोपी सचिन को सात दिन की रिमांड पर लेने की मांग की थी। हालांकि, सिविल जज एवं न्यायिक दंडाधिकारी अमित श्योराण की अदालत ने केवल तीन दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की। इस दौरान, मृतका हिमानी के परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया, जिसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया। इससे पहले, हिमानी की मां सविता ने कहा था कि जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिलेगा, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगी।
मां ने उठाए सवाल, कहा- बेटी ने कभी किसी से मदद नहीं ली
आईएएनएस से बातचीत में हिमानी की मां ने बताया कि उनकी बेटी 18 तारीख को एक कार्यक्रम में जाने की तैयारी कर रही थी, लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, वह उनके लिए चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी मुझसे कुछ नहीं छुपाती थी। वह अपनी हर समस्या मुझसे साझा करती थी, यहां तक कि पैसे से जुड़ी बातें भी। पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी उसकी मदद के लिए तैयार थे, लेकिन उसने कभी किसी से आर्थिक सहायता नहीं ली। वह खुद अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए संघर्ष कर रही थी।”
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बता दें की शनिवार (1 मार्च) को हरियाणा के रोहतक जिले के सांपला बस स्टैंड पर एक सूटकेस में 22 वर्षीय कांग्रेस की कद्दावर कार्यकर्त्ता हिमानी नरवाल का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। जांच के बाद मृतका की पहचान युवा कांग्रेस नेता हिमानी नरवाल के रूप में हुई, जो अपने क्षेत्र में सक्रिय राजनीति में शामिल थीं। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा किया जा सके।