समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी अपने औरंगजेब को रहमतुल्ला कहते हुए बयान दिया था, तबसे वह विवादों में घिर गए हैं। अबू आजमी पर ठाणे में सांसद नरेश म्हस्के द्वारा एफआईआर भी दर्ज की गई है। आलोचनाओं के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है। मैंने औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में वही कहा है, जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरुष के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन, अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं।” अबू आजमी ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, जिससे महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में बाधा आ रही है। उन्होंने इसे राज्य की जनता के हितों के खिलाफ बताया।
वीडियो संदेश के जरिए आजमी ने दोहराया कि उनका बयान इतिहासकारों के तथ्यों पर आधारित था और इसे गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा, “हमने किसी भी महापुरुष का अपमान नहीं किया है। छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज, ज्योतिबा फुले और डॉ. भीमराव अंबेडकर का हम पूरा सम्मान करते हैं। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं। विधानसभा की कार्यवाही चलती रहनी चाहिए और जनता का कोई काम नहीं रुकना चाहिए।”
इससे पहले सोमवार को अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करते हुए उसे “न्यायप्रिय शासक” बताया था। उनके अनुसार, औरंगजेब के शासनकाल में भारत “सोने की चिड़िया” बना था और उनके राज में हिंदू-मुसलमान के बीच धार्मिक संघर्ष नहीं था, बल्कि सत्ता संघर्ष था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि औरंगजेब ने कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया था और इतिहास को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में विवाद बढ़ गया, जिसके चलते उन्होंने अपना बयान वापस लेने का फैसला किया।
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गौरतलब है की, अबू आजमी अपने बयान को वापस लेते हुए भी औरंगजेब को रहमतुल्ला अलेह जैसे लफ्जों से नवाज़ रहें है, उन्होंने यह दावे किस इतिहास के पुस्तक को पढ़कर किए इस पर उनका स्पष्टीकरण नहीं आया है। साथ ही उन्होंने अपने बयान के लिए माफ़ी मांगे बिना ही वापस लिया है, जो स्पष्ट करता है की उन्हें अपने बयान से कोई खेद नहीं है।
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