राजसमंद, राजस्थान में मंगलवार (4 मार्च) को सकल हिंदू समाज द्वारा बिजयनगर में धर्मांतरण और लव जिहाद की घटनाओं के विरोध में एक आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। रैली में हिंदू समाज के लोग और संगठनों के कार्यकर्ता राजनगर के फव्वारा चौक पर एकत्र हुए और मुख्य मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट तक मार्च किया। इस दौरान लोगों ने बिजयनगर में हिंदू समाज की महिलाओं और बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार और धर्मांतरण का विरोध करते हुए जोरदार नारेबाजी की।
रैली में शामिल लोगों ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बिजयनगर की घटना से जुड़े आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन के कारण राजनगर और कांकरोली के अधिकांश बाजारों को आधे दिन के लिए बंद रखा गया, और व्यापारियों ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया। पुलिस और प्रशासन ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की थी, और खास समुदायों के क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
रैली में शामिल हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने समाज में लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी घटनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने और दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की। विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र पुरोहित ने कहा, “हिंदू समाज अब जागरूक हो चुका है, और हम चाहते हैं कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।” उन्होंने इस मामले में सभी आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
बता दें कि बिजयनगर में स्कूली छात्राओं से ब्लैकमेलिंग और यौन शोषण के मामले में आरोपी पूर्व इंडिपेंडेंट पार्षद हकीम कुरैशी को रिमांड समाप्त होने के बाद सोमवार (3 मार्च) को अजमेर की पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया था। हकीम कुरैशी को अदालत में नंगे पैर और सिर झुकाए देखा गया, जिसके बाद कोर्ट ने उसे 11 मार्च तक जेल भेजने का आदेश दिया।
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दरअसल मामला 15 फरवरी को बिजयनगर थाने में एक नाबालिग लड़की ने शिकायत दर्ज कराई तब जाकर सामने आया था। इसके बाद दूसरी नाबालिग ने भी इसी तरह की शिकायत की, और तीसरी शिकायत तीन अन्य लड़कियों के पिता द्वारा की गई। पीड़िताओं ने आरोप लगाया कि कुछ लोग प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं का यौन शोषण कर रहे थे, और उनके अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। साथ ही ब्लैकमेल करवाकर उन्हें और भी लड़कियों को फंसाने के लिए कहा जा रहा था। इसके अलावा, पीड़िताओं ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा था। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कारवाई की गई और 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 10 बालिग हैं और उन्हें जेल भेजा गया है, जबकि तीन नाबालिग आरोपियों को बाल सुधार गृह में भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि यह ‘मुस्लिम गिरोह’ संगठित रूप से काम कर रहा था और नाबालिग लड़कियों को निशाना बना रहा था।