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Monday, March 10, 2025
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शेयर बाजार: वैश्विक और घरेलू संकेतों से बाजार में सुधार, सकारात्मक रुख बरकरार!

निफ्टी 22,552.50 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 74,332.58 पर बंद हुआ, जो एक महत्वपूर्ण उछाल दर्शाता है।

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लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद, भारतीय शेयर बाजार ने जोरदार वापसी की और सप्ताह के अंत में करीब दो प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतों से बाजार में सुधार हुआ, जिससे निवेशकों में विश्वास बढ़ा। निफ्टी 22,552.50 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 74,332.58 पर बंद हुआ, जो एक महत्वपूर्ण उछाल दर्शाता है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनुसंधान अजीत मिश्रा ने कहा, “अमेरिकी टैरिफ में देरी और आगे की बातचीत की संभावना की रिपोर्ट के बाद ग्लोबल सेंटीमेंट में सुधार हुआ, जिससे वित्तीय बाजारों को स्थिर करने में मदद मिली। इसके अलावा, कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया।”

डॉमेस्टिक फ्रंट पर, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सिस्टम में एडिशनल लिक्विडिटी डालने के फैसले ने सकारात्मक गति को बढ़ाया।

मिश्रा ने कहा, “इन कारकों की वजह से सभी क्षेत्रों में व्यापक आधार पर तेजी आई, जिसमें मेटल, एनर्जी और फार्मास्यूटिकल स्टॉक सबसे अधिक लाभ में रहे। व्यापक सूचकांकों ने भी प्रभावशाली लाभ दर्ज किया, जो 2.6 से 5.5 प्रतिशत के बीच बढ़ा।”

कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला ने कहा कि बाजार की मजबूती व्यापक आधार पर रिकवरी की वजह से देखी गई, निफ्टी 50 उचित वैल्यूएशन के करीब स्थिर हो गया, जबकि मिड और स्मॉल-कैप में हाल के सुधारों के बाद लगातार खरीदारी देखी गई।

अप्पाला ने कहा, “लार्ज कैप अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं, निफ्टी 50 का पी/ई 20 गुना से नीचे है, जो ऐतिहासिक मानदंडों के अनुरूप है। कॉरपोरेट बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है और 10-12 प्रतिशत सालाना आय वृद्धि से स्थिरता मिलने की उम्मीद है।”

इस तेजी को बनाए रखना अर्निंग रिकवरी और व्यापक बाजार भावना पर निर्भर करता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि जबकि लार्ज कैप बेहतर स्थिति में दिख रहे हैं, लेकिन व्यापक बाजार तब तक कंसोलिडेट हो सकता है जब तक कि आय वृद्धि में तेजी नहीं आती। आगामी कारोबारी सप्ताह छुट्टियों के कारण छोटा रहेगा, क्योंकि बाजार सहभागी प्रमुख घरेलू घटनाओं की अनुपस्थिति में वैश्विक घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखेंगे।

विशेषज्ञों ने कहा कि टैरिफ वार्ता, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी डॉलर तथा कच्चे तेल की कीमतों पर उनके प्रभाव पर ताजा अपडेट देखने लायक मुख्य कारक हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए निवेशकों को सकारात्मक लेकिन सतर्क रुख बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

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