राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप यादव प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना स्थित कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले में पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में राज्यसभा सांसद मीसा भारती को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है, जबकि लालू यादव से बुधवार को पूछताछ हो सकती है। इससे पहले, ईडी ने लालू परिवार के करीबी कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज जब्त किए थे।
राबड़ी देवी और तेज प्रताप के ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पटना पुलिस ने बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
दरअसल मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर भर्ती के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई और वह जमीन बाद में लालू परिवार और उनके करीबी लोगों के नाम कर दी गई। सीबीआई इस मामले की आपराधिक जांच कर रही है, जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से इसकी छानबीन कर रही है।
राजद ने इस जांच को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पार्टी नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा,”यह कोई नई बात नहीं है कि चुनाव से पहले विपक्ष को परेशान करने के लिए ऐसी कारवाई होती है। भाजपा बिहार को लेकर भयाक्रांत रहती है, इसलिए राजद नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन राजद झुकने वाला नहीं है।” वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और अगर लालू परिवार निर्दोष है तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं।
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सूत्रों के अनुसार, ईडी इस मामले में कुछ और लोगों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। इस मामले में तेजस्वी यादव से भी पहले पूछताछ हो चुकी है। अब देखना होगा कि जांच का अगला कदम क्या होता है और लालू परिवार पर इसका क्या असर पड़ता है।