भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर नौ महीने के अंतरिक्ष मिशन के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने मंगलवार (18मार्च) देर रात फ्लोरिडा के तट के पास अटलांटिक महासागर में सुरक्षित लैंडिंग की। नासा और स्पेसएक्स के मिशन कंट्रोल ने इस ऑपरेशन को सफल बताते हुए कहा कि यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था।
जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल समुद्र में उतरा, एक अविश्वसनीय नज़ारा देखने को मिला डॉल्फिन्स का झुंड कैप्सूल के चारों ओर तैरने लगा। यह दृश्य इतना अद्भुत था कि नासा के कंट्रोल सेंटर ने इसे “एक अनोखा स्वागत समारोह” बताया।
There are a bunch of dolphins swimming around SpaceX's Dragon capsule. They want to say hi to the Astronauts too! lol pic.twitter.com/sE9bVhgIi1
— Sawyer Merritt (@SawyerMerritt) March 18, 2025
बता दें की, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को मूल रूप से बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए आठ दिनों के मिशन पर भेजा गया था, लेकिन तकनीकी खराबियों के चलते वे नौ महीने तक अंतरिक्ष में फंसे रहे। आखिरकार, स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन के जरिए उनकी सुरक्षित वापसी कराई गई।
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स्पलैशडाउन के बाद, रिकवरी टीम ने कैप्सूल को समुद्र से बाहर निकाला और अंतरिक्ष यात्रियों को मेडिकल परीक्षण के लिए ह्यूस्टन भेजा गया। वहां वे 45 दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम में भाग लेंगे ताकि उनके शरीर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल बनाया जा सके। सुनीता विलियम्स की वापसी से भारत में भी जश्न का माहौल है। उनके पैतृक गांव में लोगों ने उनकी सफलता पर गर्व जताया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
यह मिशन न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि विज्ञान और तकनीक की बदौलत इंसान ब्रह्मांड के रहस्यों को और बेहतर तरीके से समझ सकता है।
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