सुनीता के कजिन नवीन बाबूलाल ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि सुनीता विलियम्स साल 2007 में पहली बार अपने पैतृक गांव आई थीं। उस दौरान उनका अच्छे से स्वागत किया गया था। सुनीता का गांव के मंदिर में काफी आस्था है और जब भी वे अंतरिक्ष में गई हैं, तो मां की प्रतिमा को अपने साथ लेकर गई हैं।
उन्होंने कहा, “हमने सुनीता विलियम्स के लिए मन्नत मांगी थी कि वो पृथ्वी पर सुरक्षित लौटें और उन्होंने अंतरिक्ष में करीब 9 महीने का समय बिताया। इसी के चलते यहां पिछले 9 महीनों से अखंड ज्योति भी जल रही है, जिसे अब मंदिर में विसर्जित किया जाएगा।”
वहीं, दिनेश पंड्या ने बताया कि सुनीता विलियम्स के लिए गांव में उनकी सुरक्षित वापसी के लिए पिछले नौ महीने से अखंड ज्योति जल रही थी। उनके सुरक्षित लौटने से सभी बेहद खुश हैं। मां के आशीर्वाद से वो सुरक्षित पृथ्वी पर लौटी हैं।
झुलासन गांव के अन्य निवासी रोहित ने कहा कि सुनीता विलियम्स हमारी पड़ोसी हैं। उनकी पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के लिए ही अखंड ज्योत जलाई गई थी। विलियम्स के पैतृक गांव झुलासन के स्कूल में छात्रों और ग्रामीणों ने उनके पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने पर जश्न मनाया और गरबा भी खेला।
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, नौ महीने बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा सुरक्षित रूप से फ्लोरिडा के तट पर उतारा गया था। धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को एक सुंदर और अप्रत्याशित अनुभव हुआ। उनका स्वागत डॉल्फिन्स ने किया। ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में उतरते ही डॉल्फिन कैप्सूल के आसपास तैरते हुए देखे गए।
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