झारखंड के हजारीबाग में रामनवमी से पहले निकाले गए ‘मंगला जुलूस’ के दौरान हुए पथराव की घटना ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। इस घटना को लेकर बुधवार को झारखंड विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सदन में जोरदार नारेबाजी की और वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया।
हजारीबाग के विधायक प्रदीप प्रसाद ने घटना के विरोध में विधानसभा परिसर में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। वहीं, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, “हर बार हिंदुओं के त्योहारों पर ही ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं? अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, जिससे वे बेखौफ होकर दंगे भड़काते हैं।” उन्होंने संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की मांग की, साथ ही जुलूस मार्गों पर सुरक्षा कड़ी करने और पर्याप्त लाइटिंग व्यवस्था करने की जरूरत बताई।
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इसके बाद भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और वेल में जाकर प्रदर्शन करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बजट सत्र अपने अंतिम चरण में है और सिर्फ दो दिन की कार्यवाही शेष है।
संसदीय कार्यमंत्री और वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने भरोसा दिलाया कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है और किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस घटना के बाद झारखंड की सियासत गर्म हो गई है और रामनवमी के पहले राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। विपक्ष जहां सरकार पर सुरक्षा देने में नाकामी का आरोप लगा रहा है, वहीं सरकार खुद को बचाव की मुद्रा में दिख रही है।