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Thursday, January 1, 2026
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यूसीसी मुसलमानों को मंजूर नहीं होगी : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी!

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर कहा, "अगर केंद्र सरकार अपने तीसरे टर्म में यूसीसी लेकर आती है, तो यह मुसलमानों के लिए बहुत नागवार होगा।

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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सोमवार को भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल के बारे में बात की। उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यूसीसी मुसलमानों को मंजूर नहीं है।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, “भाजपा के पहले दो कार्यकाल में उतना हंगामा नहीं हुआ, लेकिन तीसरा कार्यकाल है, उसमें ऐसे मुद्दे देखने को मिले, जो काफी हंगामेदार रहे।

तीसरे कार्यकाल में कामयाबी इस तरह से रही, जैसे 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का भारत में प्रत्यर्पण, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी जैसे कुछ काम बहुत अहम माने जा रहे हैं।”

उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर कहा, “अगर केंद्र सरकार अपने तीसरे टर्म में यूसीसी लेकर आती है, तो यह मुसलमानों के लिए बहुत नागवार होगा। यूसीसी आने के बाद एक साथ तमाम मजहब के मानने वालों के लिए एक कानून का पालन करना बहुत मुश्किल भरा होगा। वहीं, मुसलमानों को इससे सबसे बड़ी दिक्कत होगी।”

अपनी बात दोहराते हुए मौलाना ने कहा, “यूसीसी किसी भी कीमत पर मुसलमानों को मंजूर नहीं है। यूसीसी के बाद मुसलमानों की शादी के मामले में शरीयत का लिहाज नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड में भी यूसीसी लागू हुआ है और वहां भी शरीयत का लिहाज नहीं किया गया है।

ऐसे में जिंदगी गुजारने में अपनी दिनचर्या को बनाए रखना, रोजमर्रा की चीजों को कायम रखने में मुश्किल होगी। अगर यूसीसी लागू होता है तो इसे मजहब में सरकार का हस्तक्षेप समझा जाएगा।”

उल्लेखनीय है कि भाजपा के ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर करके मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की उपलब्धियों को बताया गया है। इसमें आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनावों में जीत समेत तमाम मुद्दों को दर्शाया गया है। साथ ही तीसरे कार्यकाल में ही यूसीसी को लागू करने के संकेत दिए गए हैं।

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