- अभी भी दूसरे राज्यों से जिले में मंगाए जा रहे हैं ऑक्सीजन
- कलेक्टर ने कहा – मैंने कब कहा कि ऑक्सीजन के मामले में नंदुरबार आत्मनिर्भर हो गया है
मुंबई। इसे कहते हैं खुद से खुद की पीठ थपथपाना। महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में अभी भी दूसरे जिलों व राज्यों से ऑक्सीजन मंगाना पड़ रहा है। पर यहां के जिलाधिकारी राजेंद्र भारुड मीडिया में यह खबर प्रसारित करवा दी कि ऑक्सीजन के मामले में आदिवासी बाहुल्य यह जिला आत्मनिर्भर हो चुका है। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता व नंदुरबार की सांसद हिना गावित ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर यह सच्चाई बयान की है। हिना ने कहा कि दरअसल जिलाधिकारी लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में हिना गावित ने कहा है कि नंदुरबार के जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया है कि कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर उन्होंने नंदुरबार में ऑक्सीजन तैयार करने की परियोजना शुरु कर दी थी। लेकिन वास्तविक स्थिति अलग है। जबकि सच्चाई यह है कि अभी नंदुरबार जिले को धुले से हर रोज 2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मंगाना पड़ रहा है। नवापुर के लिए प्रतिदिन गुजरात से 70 से 80 सिलेंडर मंगाए जा रहे हैं। लेकिन नंदुरबार के कलेक्टर ऐसा प्रचार कर रहे हैं कि नंदुरबार जिला ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है।
गावित ने कहा कि जब मैंने पत्रकार परिषद बुलाकर जिलाधिकारी के दावे को गलत बताया तो उन्होंने कहा कि मैंने कब कहा कि ऑक्सीजन के मामले में नंदुरबार आत्मनिर्भर हो गया है। पर मीडिया में चल रही ऐसी खबरों का खंडन भी नहीं किया। बता दें कि बांबे हाईकोर्ट ने भी नंदुरबार के जिलाधिकारी के बीएड और दवा उपलब्ध कराने के तरकीब की प्रशंसा की है और राज्य के दूसरे जिलों के जिलाधिकारियों को भी नंदुरबार के कलेक्टर से सीखने की नसीहत दी है।