मुंबई। रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार हार्टअटैक से निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी सहित कई सेलिब्रिटीज ने शोक जताया है। रावण के किरदार में जान डालने वाले अरविंद त्रिवेदी के कई डायलॉग आज भी लोगों के जुबान पर है। अरविन्द त्रिवेदी टीवी सीरियलों और फिल्मो के साथ राजनीति में भी हाथ आजमाए हैं। उन्होंने भाजपा के टिकट से चुनाव भी लड़ा है और भारी मतों से जीत भी दर्ज की।
इतना ही नहीं ‘लंकेश’ यानी अरविंद त्रिवेदी बीजेपी की टिकट से गुजरात के साबरकांठा के लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने चुनावी प्रचार में राममंदिर का मुद्दा उठाया था। जिसका उनको फायदा भी मिला उन्हें अधिकांश वोट भी मिले थे। उन्होंने उस दौरान अपने चुनावी भाषण में कहा था कि ‘राम का विरोध करने का परिणाम मुझसे बेहतर कौन जान सकता है और अपनी आवाज के जादू से ‘रावण’ ने ‘चुनावी लंका’ को फतह किया था। सबसे दिलचस्प बात थी उनके सामने महात्मा गांधी पोते राजमोहन गांधी थे।
लेकिन यह धर्म युद्ध नहीं, चुनावी युद्ध था जिसमें अरविंद त्रिवेदी जनता को अपने ओर कामयाब रहे और भारी मतों से जीत दर्ज की थी । उन्हें एक लाख 68 हजार वोट मिले थे। अरविन्द त्रिवेदी ने अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने दोबारा उसी सीट से 1996 में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन इस बार उनका भाग्य साथ नहीं दिया और कांग्रेस नेता निशा अमर सिंह चौधरी ने हरा दिया। राजनीति में हार मिलने के बाद अरविन्द त्रिवेदी एक फिर फिल्मों में सक्रिय हो गए। गुजराती में उनकी आखिरी फिल्म ‘देश रे जोया दादा परदेश जोया’ थी। यह 1998 में बनी थी। इस फिल्म में उन्होंने दादा का किरदार निभाया था जो काफी लोकप्रिय हुआ।