चेन्नई । अभिनेता रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पांच सदस्यीय ज्यूरी ने एकमत से रजनीकांत के नाम पर मुहर लगाई है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादासाहेब फ़ाल्के अवार्ड रजनीकांत को मिला है। 5 सदस्यों की ज्यूरी आशा भोंसले, सुभाष घई, मोहनलाल, शंकर महादेवन, बिस्वजीत चटर्जी ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।’ गौरतलब है कि भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के के नाम पर भारत सरकार ने 1969 में यह पुरस्कार शुरू किया था और इसे भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार कहा जाता है। वर्ष 2018 का फाल्के पुरस्कर अभिनेता अमिताभ बच्चन को दिया गया था। रजनीकांत ने 1975 में के. बालचंदर की तमिल फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था. इसके बाद वह कई फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाओं में नजर आए थे. 1995 में बाशा रिलीज हुई, जिसमें रजनीकांत ने एक अपराधी की भूमिका में नजर आते हैं, जो बाद में काफी प्रसिद्धि पाता है.उन्होंने ‘बिल्लू’, ‘मुथु’, ‘शिवाजी’ और ‘एंथीरन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया.उन्होंने ‘हम’, ‘अंधा कानून’, ‘भगवान दादा’, ‘आतंक ही आतंक’ और ‘चालबाज’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय किया.साल 2007 में उनकी फिल्म शिवाजी भारतीय सिनेमा के इतिहास में तीसरी फिल्म बनी, जो 100 करोड़ के क्लब में शामिल हुई.
पांच दशक के अपने करिअर में रजनीकांत को चार तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया. साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण और 2016 में पद्म विभूषण सम्मान दिया गया था.रजनीकांत को आखिरी बार साल 2020 में आई फिल्म ‘दरबार’ में देखा गया था. इस समय वह ‘अनाथे’ फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं.