मुंबई। बॉलीवुड के अभिनेता विवेक ओबेरॉय एक फिर इनसाइड एज -3 वेब सिरीज में धमाल मचाने को बेताब हैं। विवेक ओबेरॉय बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता हैं जो सबसे पहले ओटीटी प्लेटफॉर्म एंट्री मारी थी। उन्होंने इनसाइड एज वेब सीरीज से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डेब्यू किया था। जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। अब यह शो एमी अवॉर्ड के लिए नामित किया गया है।
यह भारत का पहला शो है जिसे इस अवॉर्ड लिए अंतराष्ट्रीय स्तर नामांकित किया गया है। विवेक ओबेरॉय ने अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एंट्री के बारे में बताया कि जब मै इस प्लेटफॉर्म पर काम करना शुरू किया तो लोगों का रिएक्शन अच्छा नहीं था। लेकिन आज ओटीटी प्लेटफॉर्म चारो ओर छाया हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोरोना काल में लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो ओटीटी प्लेटफॉर्म को यहां पहुंचने में 10 साल लग जाता।
यह भारत का पहला शो है जिसे इस अवॉर्ड लिए अंतराष्ट्रीय स्तर नामांकित किया गया है। विवेक ओबेरॉय ने अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एंट्री के बारे में बताया कि जब मै इस प्लेटफॉर्म पर काम करना शुरू किया तो लोगों का रिएक्शन अच्छा नहीं था। लेकिन आज ओटीटी प्लेटफॉर्म चारो ओर छाया हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोरोना काल में लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो ओटीटी प्लेटफॉर्म को यहां पहुंचने में 10 साल लग जाता।
कई वेब शो के ऑफर: विवेक ओबेरॉय ने बताया कि, “मुझे कई लोगों द्वारा सलाह दी गई थी कि जब मुझे ये सीरीज ऑफर हुई थी, तो मुझे इनसाइड एज को नहीं लेना चाहिए। लोगों ने मुझसे कहा था कि देश में कोई भी फोन पर कंटेंट देखने के लिए पैसे खर्च नहीं करना चाहेगा। लेकिन मुझे कंटेंट पर भरोसा था और मुझे पता था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म में क्या क्षमता है। 4 साल में अब आप देख सकते हैं कि लोग सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म को सब्सक्राइब कर रहे हैं।” ओटीटी प्लेटफार्मों की ओर बढ़े दर्शक क्योंकि महामारी के चलते सारे थिएटर बंद हो गए थे। विवेक आगे कहते हैं कि ”इस लॉकडाउन के दौरान, मुझे कई वेब शो के ऑफर आए थे, और मैंने पहले ही उनमें से कुछ को हां कह दिया है।
10 साल और लग जाते: अगर लॉकडाउन नहीं होता, ओटीटी प्लेटफॉर्म को जनता से जिस तरह का प्यार मिला है, उसे वहां पहुंचने में 10 साल और लग जाते,” एक्टर हमें बहुत जल्द इनसाइड एज-3 में फिर एक बार विक्रांत धवन के किरदार निभाते हुए नजर आएंगे। जिस वजह से वो खाफी उत्साहित हैं। एक्टर ने जो बात ओटीटी प्लेटफार्मों को लेकर कही है वो बिलकुल सच है कि अगर ये लॉकडाउन न होता तो ओटीटी को इस लेवल पर पहुंचने के लिए और 10 साल का वक्त लगता। लेकिन वो कहते हैं न समय बदलते देर नहीं लगती। वैसा ही कुछ ओटीटी के साथ भी हुआ है।