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अडानी फाउंडेशन: ‘उत्थान प्रोजेक्ट’ से 25,000 से ज्यादा बच्चों की शिक्षा में सुधार

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मुंबई में अदाणी इलेक्ट्रिसिटी और अदाणी फाउंडेशन द्वारा अपने ‘उत्थान’ सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत तीसरा वार्षिक ‘उत्थान उत्सव’ मनाया गया। इस पहल का उद्देश्य सरकारी प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को बेहतर शिक्षा देना, ट्यूशन की सुविधा प्रदान करना, स्कूल छोड़ चुके बच्चों को दोबारा जोड़ना और शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग आयोजित करना है। साथ ही, माता-पिता को भी बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

‘उत्थान’ के माध्यम से मलाड, दहिसर, बोरीवली, चेंबूर और कुर्ला के 83 सरकारी स्कूलों में 25,000 से अधिक छात्रों को सहायता मिली है। इस कार्यक्रम के दौरान ‘उत्थान प्रोजेक्ट’ की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की गई। इस मौके पर बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी, अदाणी फाउंडेशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के प्रबंधन सदस्य, शिक्षक, छात्र और अभिभावक उपस्थित थे।

‘उत्थान उत्सव’ के दौरान, बीएमसी स्कूल के बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया, जैसे भाषण देना, कहानी लिखना, चित्र बनाना और रीसाइक्लिंग से नए उत्पाद बनाना। शिक्षकों और अभिभावकों ने भी इसमें भाग लिया, जहां उन्होंने बच्चों के लिए टिफिन तैयार किया, गाने गाए और रंगोली बनाई। इस कार्यक्रम में करीब 1,000 छात्र, 50 शिक्षक और 60 अभिभावक शामिल हुए।

सितंबर 2021 में शुरू किए गए ‘उत्थान’ प्रोजेक्ट के तहत बीएमसी के 82 स्कूलों को चुना गया, जहां छात्रों को पढ़ाई में विशेष सहायता की जरूरत थी। 28 ‘उत्थान सहायकों’ की मदद से इन स्कूलों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की गई, जिससे गरीब और जरूरतमंद बच्चों को भी पढ़ाई का अवसर मिला।

अदाणी इलेक्ट्रिसिटी के प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का मकसद उन बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाना है, जिनके परिवारों को कंपनी बिजली सेवा देती है। ‘उत्थान’ प्रोजेक्ट के जरिए हजारों बच्चों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है।

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इस पहल के चलते गणित में छात्रों का प्रदर्शन 98% और पढ़ने-लिखने की क्षमता में 90% तक सुधरी है। लगभग 99.31% बच्चों ने इस योजना को ‘अच्छा’ या ‘बहुत अच्छा’ बताया। इसके अलावा, 80 से अधिक ‘रीडिंग कॉर्नर’ बनाए गए हैं, जहां हिंदी, अंग्रेजी और मराठी की 12,800 से अधिक किताबें उपलब्ध हैं। ‘विजन स्प्रिंग’ कार्यक्रम के तहत छात्रों की मुफ्त आंखों की जांच कराई गई और जरूरतमंदों को चश्मे दिए गए, जिससे उनकी पढ़ाई में सुधार हुआ।

इस योजना के तहत 500 से अधिक माताओं को ‘मदर्स मीट’ और घर के दौरों के माध्यम से जोड़ा गया है। शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रोजेक्ट की सफलता का मुख्य कारण है—व्यावहारिक पाठ्यक्रम, प्रभावी शिक्षण सामग्री, स्कूलों में प्रेरणादायक माहौल और छात्रों में पढ़ने की आदत विकसित करना।

छात्रों और शिक्षकों ने भी इस पहल की सराहना की। एक छात्रा, निधि, ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से पढ़ाई आसान और मजेदार हो गई है, जिससे विषयों में आत्मविश्वास बढ़ा है। वहीं, एक प्रधानाचार्य जयश्री चव्हाण ने कहा कि इस पहल की वजह से उन क्षेत्रों में भी अच्छी शिक्षा मिल रही है, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, जिससे स्कूल उम्मीद और अवसर के केंद्र बन गए हैं।

अदाणी इलेक्ट्रिसिटी और अदाणी फाउंडेशन ने बीएमसी के सहयोग से 5,541 छात्रों को 20,000 किताबें और 82 सरकारी स्कूलों को 12,000 लाइब्रेरी किताबें प्रदान की हैं, जिससे 25,000 बच्चों को लाभ हुआ है।

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