MSEB कर्मचारी हड़ताल : MSEB निदेशक के ट्वीट पर यूजर्स बोले, ” घबराने की…!”

उनके इस ट्वीट पर नागरिकों ने 'क्या झूठ' कहा और राज्य में कुछ जगहों पर बिजली कटौती की लिस्ट बता दी| महाराष्ट्र के विभिन्न राज्यों में उपयोगकर्ता रिपोर्ट कर रहे हैं कि उनके क्षेत्रों में कहां बिजली नहीं है।

MSEB कर्मचारी हड़ताल : MSEB निदेशक के ट्वीट पर यूजर्स बोले, ” घबराने की…!”

MSEB employees strike: On MSEB director's tweet, users said, "To panic...!"

अडानी पावर कंपनी को वितरण लाइसेंस नहीं दिए जाने की मांग को लेकर बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ मंगलवार (3 जनवरी) आधी रात से राज्य की बिजली कंपनियों महानिर्ति, महाप्रेशन और महावितरण के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।

इसके बाद महाराष्ट्र राज्य बिजली बोर्ड (एमएसईबी) के निदेशक विश्वास पाठक ने कहा कि राज्य के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है| हालांकि उनके इस ट्वीट पर नागरिकों ने ‘क्या झूठ’ कहा और राज्य में कुछ जगहों पर बिजली कटौती की लिस्ट बता दी| महाराष्ट्र के विभिन्न राज्यों में उपयोगकर्ता रिपोर्ट कर रहे हैं कि उनके क्षेत्रों में कहां बिजली नहीं है।

एक यूजर ने कहा, ‘अरे सर क्या झूठ है। यवतमाल जिले में बिजली आपूर्ति 2 घंटे बाधित रही. आपकी वैकल्पिक व्यवस्था कहाँ है?” पुणे के एक यूजर ने कहा, ‘शिवने, उत्तमनगर, खड़कवासला इलाके में सुबह 4 बजे से बिजली आपूर्ति बाधित है| अगर कोई वैकल्पिक व्यवस्था है तो ऐसा करना ठीक नहीं है।

पुणे के एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, “पुणे के सिंहगढ़ रोड इलाके में आधी रात से बिजली नहीं है। बिजली कंपनी का फोन कोई नहीं उठाता। कृपया सहायता कीजिए।”

एक यूजर ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अरे सर, अगर निजीकरण हुआ तो आपका नंबर भी चाहिए होगा| अनुरोध है कि आप भी इसके लिए कर्मचारियों का सहयोग करें। इसमें काफी लोगों का नुकसान हो रहा है। मनमाना बिजली रेट वसूल कर लोगों को लूटेंगे। पर्याप्त बिजली न मिलने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। लोग भूखे मर जाएँगे।”
एक यूजर ने शिकायत की, “बीड जिले के माजलगांव में भी रात 2 बजे से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।” एक अन्य यूजर ने कहा, “पालघर जिले के मोखड़ा, बदलापुर, शाहपुर, पडघा, वसई विरार, अंबाड़ी (वाडा) मंडलों में रात से बिजली नहीं है|वैकल्पिक व्यवस्था कहां है?”
विश्वास पाठक ने कहा, ”राज्य के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है| बिजली कर्मचारियों का हड़ताल पर अपना रुख बदलना तय है। अन्यथा, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में बिजली आपूर्ति निर्बाध रहे।”
अदानी पावर कंपनी ने महावितरण के भांडुप क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बिजली वितरण लाइसेंस के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग में आवेदन किया है। राज्य सरकार अडानी कंपनी को बिजली वितरण का लाइसेंस दिलाने को लेकर सकारात्मक है।
हालांकि, इस बात का डर है कि जिन विभागों को महा वितरण कंपनी या बिजली बिल संग्रह दर से अच्छी आय हो रही है, वे निजी बिजली कंपनी के पास चले जाएंगे और महा वितरण कंपनी को अधिक वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और सरकारी बिजली कंपनियों का निजीकरण हो जाएगा। इसलिए महावितरण कंपनी के 30 कर्मचारियों और श्रमिक संघों ने हड़ताल का कदम उठाया। यह हड़ताल तीन दिनों तक जारी रहेगी।
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