अमेज़न ने भारत में अपने दीर्घकालिक दांव को और मजबूत करते हुए घोषणा की है। कंपनी 2030 तक देश में 35 अरब डॉलर (₹2.9 लाख करोड़ से अधिक) का नया निवेश करेगी। वैश्विक स्तर पर बाज़ारों में सख़्ती के बीच यह निवेश भारत की बढ़ती डिजिटल मांग, लॉजिस्टिक्स क्षमता और मजबूत वर्कफ़ोर्स पर अमेज़न के भरोसे को दर्शाता है। 10 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित अमेज़न संभाव समिट 2024 में की गई, जहाँ कंसल्टिंग फर्म कीस्टोन स्ट्रैटेजी ने अमेज़न के आर्थिक प्रभाव पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी जारी की। कंपनी पिछले 15 वर्षों में भारत में पहले ही करीब 40 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है।
कीस्टोन रिपोर्ट के अनुसार, अमेज़न अपने कुल निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और रोजगार सृजन के आधार पर भारत का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन चुका है। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी अब तक, 1.2 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों को डिजिटलाइज कर चुकी है। 20 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स निर्यात सक्षम किए है। 2024 में लगभग 28 लाख नौकरियों सृजित की है। ये रोजगार टेक्नोलॉजी, ऑपरेशंस, लॉजिस्टिक्स, ग्राहक सहायता, पैकेजिंग और विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैले हैं।
अमेज़न ने कहा कि आगामी वर्षों में उसके विस्तार, तेज़ी से बढ़ते फुलफ़िलमेंट नेटवर्क और पूरक क्षेत्रों जैसे पैकेजिंग, मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन की मांग को देखते हुए कंपनी 10 लाख नई नौकरियाँ उत्पन्न करेगी। अमेज़न के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (इमर्जिंग मार्केट्स) अमित अग्रवाल ने कहा, “पिछले 15 वर्षों में भारत के डिजिटल परिवर्तन के सफर का हिस्सा बनकर हम बेहद गौरवान्वित महसूस करते हैं। भारत में अमेज़न की वृद्धि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की परिकल्पना के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। हमने भारत में छोटे व्यवसायों के लिए भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे को विकसित करने में बड़े पैमाने पर निवेश किया है, जिससे लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं और ‘मेड इन इंडिया’ को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है।”
अमेज़न ने कहा कि वह भारत में AI तक व्यापक और किफ़ायती पहुंच सुनिश्चित करना चाहता है। इसके तहत कंपनी, 1.5 करोड़ छोटे व्यवसायों को AI टूल्स उपलब्ध कराएगी, Lens AI जैसे विज़ुअल डिस्कवरी, Rufus जैसे कंवर्शेशनल शॉपिंग और मल्टीलिंगुअल इंटरफेस को और उन्नत करेगी, 40 लाख सरकारी स्कूल छात्रों को AI शिक्षा देगी, जिसमें करियर एक्सप्लोरेशन, सैंडबॉक्स ट्रेनिंग और शिक्षकों का प्रशिक्षण शामिल होगा। कंपनी का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप होगा।
निर्यात के मोर्चे पर, अमेज़न ने कहा कि उसका लक्ष्य भारत से होने वाले कुल ई-कॉमर्स निर्यात को वर्तमान 20 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक चार गुना यानी 80 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। अग्रवाल ने कहा, “भविष्य को देखते हुए, हम भारत के विकास के लिए उत्प्रेरक बने रहने के लिए उत्साहित हैं क्योंकि हम लाखों भारतीयों के लिए एआई तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना रहे हैं, दस लाख रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं और इस दशक के अंत तक ई-कॉमर्स निर्यात को 80 अरब डॉलर तक बढ़ा रहे हैं।”
कंपनी का मानना है कि ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है। अमित अग्रवाल ने कहा, “हम AI को लाखों भारतीयों के लिए सुलभ बनाकर, 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा कर और निर्यात को 80 अरब डॉलर तक बढ़ाकर भारत की विकास यात्रा को और गति देने को उत्साहित हैं।”
इस नए निवेश के साथ अमेज़न ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत वैश्विक स्तर पर उसके सबसे महत्वपूर्ण विकास बाज़ारों में शामिल है। कंपनी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, क्लाउड, AI-आधारित उपभोक्ता सेवाओं और छोटे व्यवसायों के लिए टेक समर्थन को और विस्तार देगी। अमेज़न का यह भारी निवेश आने वाले दशक में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स, AI क्रांति और रोजगार वृद्धि को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।
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