वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 का बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री कई कई योजनाओं का ऐलान किया। इसमें एक ई कोर्ट भी शामिल है। इस परियोजना के लिए बजट में भारी भरकम राशि का ऐलान किया गया। बजट सात हजार करोड़ रूपये का आवंटन किया जाएगा। ई कोर्ट के जरिये पीड़ित को त्वरित न्याय देने के लिए शुरुआत की गई है। अब सवाल यह कि ई कोर्ट कैसे काम करेगी तो चलिए आपको बताते हैं।
इस परियोजना के अनुसार न्यायालयों को आधुनिक रूप से विस्तारित किया जाएगा। इसमें पूरी तरह तकनीकी सेवा पर निर्भरता रहेगी। बताया जा रहा है कि इसके दो चरण पूरे हो गए हैं। बजट में तीसरा चरण के लिए भारी भरकम राशि आवंटित की जाएगी। बता दें कि ई कोर्ट के जरिये पीड़ित की बातें सुनना और उसे तुरंत न्याय देना शामिल है। इसमें लोगों को घर बैठे ही न्याय मिलने की सुविधा दी गई है। इसमें जज अपने घर पर ही बैठा रहेगा और शिकायतकर्ता या पीड़ित अपने वकील के साथ अपने पक्ष को रख सकते हैं।
कहा जा रहा है कि ई कोर्ट से समय की बचत होगी और अदालत का खर्च भी कम होगा। गौरतलब है कि इसके जरिये ई चालान मामले की सुनवाई शुरू भी कर दी गई है। ये मामले वर्चुअल कोर्ट में दायर किये जाते हैं। इस वित्त वर्ष में 30 लाख चालान प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 29 लाख से ज्यादा चालान पर कार्रवाई भी की गई। जिससे 125 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है।
बता दें कि सरकार ने ई कोर्ट सेवा ऐप पहले से लांच किया है। इस ऐप को डिजिटल इंडिया पुरस्कार से नवाजा भी जा चुका है। अब तक इस ऐप को 50 लाख से ज्यादा लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस ऐप के जरिये किसी भी मोबाइल के इतिहास का पता लगाया जा सकता है। ई कोर्ट के पहले चरण में कोर्ट को कंप्यूटरकृत करना और सर्वर रूप के साथ न्यायिक सेवा केंद्र तैयार करना। जबकि दूसरे चरण में कोर्ट रूम ऑनलाइन करना शामिल है।
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