भारत में आने के लिए तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उपकरण चीनी बंदरगाहों पर खड़ें होने के साथ अनिश्चित देरी का सामना कर रहें है। इसी कारण से एप्पल और फॉक्सकॉन ने भारत सरकार से इसी संदर्भ में गुहार लगाई है। यह बात साफ़ है की भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण विस्तार योजनाओं पर असर पैदा करने चीन टांग फसांने की कोशिश कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कार्य स्थिर है। वहीं विशेषज्ञों का दावा है की बीजिंग ने द्वारा निर्मीत रुकावट लम्बे समय तक चली तो एप्पल की भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स की रणनीति को बुरी तरह आहत कर सकती है। वहीं विशेषज्ञों ने बताया है की चीन भारत की आधिकारिक वीज़ा और चीनी निवेश पर भारत के रुख पर जवाबी कारवाई कर रहा है, इसीलिए यह रूकावट चीन की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
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इस स्थिती को भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में लंबी दौड़ के सपने पर चीन द्वारा पानी फेरने के रूप में देखा जा रहा है। यदी चीन देरी को बढ़ता है तो भारतीय हैंडसेट और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी समस्या होगी। हालांकि एप्पल और फॉक्सकॉन दोनों भी कंपनियों ने आईटी मंत्रालय के अधिकारियों के पास अपनी चिन्ताओ को जाहिर किया है। हालांकि दोनों कंपनियों की ओर से इस बात पर सार्वजनिक रूप में कोई टिप्पणी नहीं की है।