प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियाँ अस्थायी रूप से जब्त करने की रिपोर्ट है। यह कार्रवाई PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत की गई है। पीटीआई द्वारा उद्धृत आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस केस में अब तक कुल लगभग 9,000 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ अटैच की जा चुकी हैं।
सूत्रों के अनुसार, ताज़ा अटैचमेंट देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद संपत्तियों पर किया गया है। हालांकि, अनिल अंबानी समूह की ओर से इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। रिपोर्ट्स में खबर की स्वतंत्र पुष्टि नहीं होने की बात कही है और समूह के आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा की जा रही है।
ईडी की यह कार्रवाई Reliance Home Finance Ltd (RHFL) और Reliance Commercial Finance Ltd (RCFL) में कथित फंड डायवर्ज़न और सार्वजनिक धन की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़ी है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, Yes Bank ने 2017 से 2019 के बीच RHFL में 2,965 करोड़ रुपये और RCFL में 2,045 करोड़ रुपये निवेश किए थे, जो बाद में एनपीए हो गए। दिसंबर 2019 तक RHFL पर 1,353.50 करोड़ और RCFL पर 1,984 करोड़ रुपये बकाया रह गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अनिल अंबानी की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार है।
इस माह की शुरुआत में भी ईडी ने अनिल अंबानी से जुड़ी 3,084 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ जब्त की गई थी। इनमें मुंबई का एक आवासीय परिसर, दिल्ली का रिलायंस सेंटर और दिल्ली, नोएडा, पुणे, मुंबई, ईस्ट गोदावरी, गाज़ियाबाद, ठाणे, चेन्नई, कांचीपुरम और हैदराबाद में कई अचल संपत्तियाँ शामिल थीं। यह कार्रवाई भी PMLA की धारा 5(1) के तहत की गई थी।
कानूनी जांचों के बावजूद अनिल अंबानी समूह के सूचीबद्ध कंपनियों ने बार-बार कहा है कि अनिल अंबानी किसी भी लिस्टेड कंपनी जैसे रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के बोर्ड में नहीं हैं। फिर भी, समूह के शेयरों पर दबाव जारी है। घटना के बाद रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर 5% लोअर सर्किट पर पहुंची, जबकि रिलायंस पावर लगभग 2% गिरावट के साथ ट्रेड कर रही है।
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