नई दिल्ली। बैंक ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। अगर कोई बैंक डूब जाता है या बंद हो जाए तो आपको अब घबराने की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में बदलाव किया है। इसके तहत अब आपको 90 दिन के अंदर 5 लाख की बीमा राशि मिल जाएगी। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी।
लिमिट 5 गुना बढ़ाने का फैसला: बता दें कि इस बदलाव के बाद उन ग्राहकों को राहत मिलेगी, जिनकी रकम किसी न किसी वजह से बंद हो चुके या लाइसेंस रद्द किए गए बैंकों में फंसी हुई है। आपको बता दें कि बीमा की रकम पहले एक लाख रुपए थी लेकिन साल 2020 में सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट 5 गुना बढ़ाने का फैसला किया था। इसके बाद अब बीमा की रकम देने की अवधि भी तय कर दी गई है।
मतलब ये हुआ कि 90 दिन में ही ग्राहकों को बीमा की रकम मिल जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि DICGC कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे।
क्या है DICGC एक्ट: बता दें कि DICGC ACT के तहत 1961 की धारा 16 (1) के अनुसार अगर कोई बैंक डूब या बंद हो जाता है तो DICGC प्रत्येक जमाकर्ताओं राशि देने के लिए जिम्मेदार है। पहले दी जाने वाली राशि एक लाख थी लेकिन सरकार रकम की लिमिट बढ़ा दी है। अब यह राशि 5 लाख हो गई है।