नई दिल्ली। टैक्स दाताओं के लिए राहत की खबर है। टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न फ़ाइल करने की तारीख 31 दिसंबर कर दी है। पहले टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख 30 सितम्बर निर्धारित की गई थी जिसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दिया गया है।इसके बाद टैक्स रिटर्न फाइल करने पर पेनल्टी देनी होगी।
नियम के मुताबिक, रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन खत्म होने के बाद टैक्सपेयर को पेनाल्टी के साथ फाइलिंग की सुविधा मिलती है। यह पेनाल्टी 1000 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक हो सकती है। हालांकि, कुछ टैक्सपेयर्स को इससे राहत दी गई है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234F के मुताबिक, अगर किसी टैक्सपेयर की ग्रॉस टोटल इनकम बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट (इंडिविजुअल के लिए 2.5 लाख) से कम है तो उसे लेट रिटर्न फाइल करने पर भी किसी तरह का जुर्माना नहीं लगता है।
सेक्शन 139(1) के मुताबिक, किसी इंडिविजुअल के लिए ग्रॉस इनकम का मतलब उस इनकम से है जो सेक्शन 80सी और 80यू के तहत डिडक्शन हटाने से पहले बनती है। इसका मतलब साफ है कि लेट रिटर्न फाइल करने पर आपको लेट फीस कितनी लगेगी या नहीं लगेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी टोटल ग्रॉस इनकम कितनी है। इंडिविजुअल जिसकी उम्र 60 साल से कम है और टोटल इनकम 2.5 लाख तक है तो उसे कोई रिटर्न नहीं भरना होगा। 2.5 लाख से एक रुपया भी ज्यादा इनकम होने पर कम से कम 1000 रुपए लेट फीस के रूप में लगेगी। अब दूसरी परिस्थिति की बात करते हैं
जिसमें इंडिविजुअल की टोटल इनकम 2.5 लाख से ज्यादा है। ऐसे में लेट फीस लगना तय है। लेट फीस कितनी लगेगी यह इस बात पर निर्भर करता है आपको टैक्सेबल इनकम कितनी है। अगर टैक्सेबल इनकम 5 लाख से कम है तो यह 1000 रुपए होगी। अगर टैक्सेबल इनकम 5 लाख से ज्यादा है तो यह 5000 और 10 हजार रुपए होगी। चूंकि CBDT ने पहले ही रिटर्न फाइल करने की तारीख 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। ऐसे में उसके बाद रिटर्न फाइल करने पर लेट फीस 10 हजार रुपए लगेगी।
ग्रॉस टोटल इनकम से जब डिडक्शन को बाहर कर दिया जाता है तो नेट टैक्सेबल इनकम बनती है। टैक्स का कैलकुलेशन इसी आधार पर होता है। लेट फीस को लेकर फैसला भी इसी इनकम पर होती है। 5 लाख से कम टैक्सेबल इनकम होने पर लेट रिटर्न फीस 1000 रुपए होती है। 5 लाख से ज्यादा टैक्सेबल इनकम होने पर लेट रिटर्न फीस 31 दिसंबर तक 5000 रुपए और उसके बाद 10 हजार रुपए होती है।