28 C
Mumbai
Saturday, December 6, 2025
होमबिजनेस50-60 साल पहले कैसे मारा गया भारत का सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भरता का...

50-60 साल पहले कैसे मारा गया भारत का सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भरता का सपना !

...इन नीतियों ने भारत को हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग से दूर कर दिया और 1990 के दशक में फोकस सॉफ्टवेयर सर्विसेज की ओर चला गया, जबकि ताइवान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देश चिप निर्माण के वैश्विक केंद्र बन गए।

Google News Follow

Related

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने भाषण में भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर की दशकों पुरानी असफलता का जिक्र करते हुए कहा, “जब हम टेक्नोलॉजी की अलग-अलग बात करते हैं, तो मैं सेमीकंडक्टर का उदाहरण देता हूं। मैं यहां किसी सरकार की आलोचना करने के लिए नहीं हूं, लेकिन देश के युवाओं को यह जानना चाहिए कि फाइल वर्क 50-60 साल पहले शुरू हुआ था। सेमीकंडक्टर फैक्ट्री का विचार भी 50-60 साल पहले आया था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सेमीकंडक्टर का विचार गर्भ में ही मार दिया गया था। हमने 50-60 साल गंवा दिए… हम आज मिशन मोड पर काम कर रहे हैं और इस साल के अंत तक ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स बाजार में होंगी।”

मोदी का यह बयान भारत के 1950-60 के दशक के शुरुआती प्रयासों की ओर इशारा था, जब वैश्विक सिलिकॉन क्रांति के दौर में विदेशी कंपनियां भारत में यूनिट लगाने को तैयार थीं, लेकिन उस समय की सरकारों के नीतिगत फैसलों और नौकरशाही अड़चनों ने योजनाओं को विफल कर दिया। 1950 के दशक में ब्रिटिश कंपनी फेरांटी ने बेंगलुरु में कंप्यूटर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा था, जो सेमीकंडक्टर तकनीक की नींव रख सकता था। तकनीक हस्तांतरण और सरकारी फंडिंग की पेशकश के बाद भारी लागत को देखते हुए यह प्रस्ताव ठुकरा दिया गया।

1960 के दशक में अमेरिकी कंपनी इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) की अग्रणी फेयरचाइल्ड सेमीकंडक्टर ने भारत में एशिया की पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना बनाई थी। उस समय भारत में कुछ निजी कंपनियां जर्मेनियम सेमीकंडक्टर बना रही थीं और BEL जैसी सार्वजनिक कंपनियों ने डिफेंस जरूरतों के लिए तकनीक हासिल कर ली थी। लेकिन ऊंचे आयात शुल्क, नौकरशाही और लालफीताशाही का कहर, तकनीक ट्रांसफर पर संदेह और सरकार की संरक्षणवादी नीतियों के चलते यह योजना ठप हो गई। नतीजतन, फेयरचाइल्ड ने मलेशिया और फिलीपींस का रुख किया, जो भारत के लिए एक निर्णायक चूक साबित हुई।

1969 में फेयरचाइल्ड और इंटेल के सह-संस्थापक रॉबर्ट नोयस भारत आए, लेकिन विदेशी निवेश पर कड़े प्रतिबंधों ने प्रोजेक्ट को आर्थिक रूप से अव्यवहारिक बना दिया। इसके बाद 1970 के दशक में भारत ने मोहाली (चंडीगढ़) में सेमीकंडक्टर कॉम्प्लेक्स लिमिटेड (SCL) की स्थापना की, जिसने 1983 में चिप उत्पादन शुरू किया। हालांकि, फरवरी 1989 में एक रहस्यमयी आग ने पूरे प्लांट और महंगे उपकरणों को नष्ट कर दिया। इसे लेकर तोड़फोड़ की आशंकाएं भी उठीं, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। इस हादसे ने भारत को करीब एक दशक पीछे धकेल दिया और SCL दोबारा खड़ा होने के बावजूद वैश्विक स्तर प्रतिस्पर्धा नहीं कर सका, बल्कि डिफेंस और अंतरिक्ष जरूरतों तक सीमित रह गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, असफलता के मुख्य कारणों में समाजवादी ढांचे वाली आर्थिक नीतियां, विदेशी निवेश पर सख्त पाबंदियां, भारी आयात शुल्क, कुशल जनशक्ति की कमी, और तकनीक के सैन्य दुरुपयोग के डर ने भारत के सेमीकन्डक्टर सपने का भ्रूण मार दिया। इन नीतियों ने भारत को हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग से दूर कर दिया और 1990 के दशक में फोकस सॉफ्टवेयर सर्विसेज की ओर चला गया, जबकि ताइवान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देश चिप निर्माण के वैश्विक केंद्र बन गए।

हाल के वर्षों में मोदी सरकार ने 2021 में ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ की शुरुआत कर उद्योग को फिर से खड़ा करने की दिशा में कदम बढ़ाया। गुजरात में माइक्रोन जैसी यूनिटों को मंजूरी दी गई है और 2025 तक छह उत्पादन इकाइयों के निर्माण का दावा किया गया है। मोदी का बयान विपक्ष के लिए भी हमला करने का मौका बना। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन्हें “पैथोलॉजिकल लायर” कहा और तर्क दिया कि 1983 में SCL की स्थापना पिछली सरकारों की उपलब्धि थी। हालांकि, मोदी का फोकस 1983 से पहले की नाकामियों और 1989 की आग के बाद के ठहराव पर था, जो “खोए हुए दशकों” के तर्क को मजबूती देता है।

यह भी पढ़ें:

जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ में फटा बादल, मृतकों का आंकड़ा 45 पर !

50-60 साल पहले सेमीकंडक्टर के विचार की ही भ्रूण हत्या हो गई: पीएम मोदी

जीएसटी में सिर्फ दो स्लैब, दिवाली तक बड़े सुधार!

किश्तवाड़ में प्रकृती का कहर, अब तक 60 मौते !

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,711फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें