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Monday, December 8, 2025
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भारतीय निवेशकों ने हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं को दी प्राथमिकता!

जून में शुद्ध निवेश बढ़कर 23,223 करोड़ रुपए पहुंचा

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जून 2025 भारतीय म्यूचुअल फंड बाजार के लिए एक ऐतिहासिक और सकारात्मक महीना साबित हुआ। इक्विटी, हाइब्रिड और सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) सेगमेंट में रिकॉर्ड निवेश के साथ, निवेशकों की सक्रिय भागीदारी ने बाजार में नई ऊर्जा भरी। आईसीआरए एनालिटिक्स द्वारा जारी एक रिपोर्ट में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 74.41 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो तिमाही आधार पर 13.2 प्रतिशत और सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। मई 2025 में यह आंकड़ा 72.20 लाख करोड़ था, जबकि जून 2024 में केवल 61.16 लाख करोड़ रुपए था। इस तेज वृद्धि का श्रेय शेयर बाजारों की मजबूती और खुदरा निवेशकों की लगातार बढ़ती रुचि को दिया गया है।

बाजार में अस्थिरता के बीच, निवेशकों ने बैलेंस्ड रिस्क-रिवार्ड प्रोफाइल वाली हाइब्रिड योजनाओं को तरजीह दी। आर्बिट्रेज फंड, मल्टी-एसेट एलोकेशन, और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में क्रमशः 15,585 करोड़, 3,210 करोड़ और 1,886 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश दर्ज हुआ। इस तरह कुल मिलाकर हाइब्रिड स्कीमों में रिकॉर्ड 23,223 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ।

इक्विटी आधारित योजनाओं में भी जून में 23,587 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ, जो मई 2025 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। सेक्टर के हिसाब से देखा जाए तो फ्लेक्सी-कैप, स्मॉल-कैप, और मिड-कैप फंड्स में क्रमशः 5,733 करोड़, 4,024 करोड़, और 3,754 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। हालांकि, ELSS फंड से 556 करोड़ रुपए का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया गया, जो संभवतः टैक्स-सीजन की समाप्ति का संकेत है।

सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) ने एक बार फिर निवेशकों का भरोसा जीत लिया। जून में 27,269 करोड़ रुपए का मासिक योगदान हुआ, जो कि SIP इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। एक साल पहले जून 2024 में यह आंकड़ा 21,262 करोड़ रुपए था, यानी 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी। रिपोर्ट में बताया गया कि 30 जून 2025 तक देश में 9.19 करोड़ सक्रिय SIP खाते थे।

जून के महीने में शॉर्ट-ड्यूरेशन, मनी मार्केट, और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स में भी क्रमशः 10,277 करोड़, 9,484 करोड़, और 7,124 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश दर्ज हुआ। हालांकि, तिमाही के अंत में निकासी के चलते लिक्विड फंड्स से 25,196 करोड़ रुपए का शुद्ध बहिर्वाह भी हुआ।

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