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जाने, मोदी सरकार ने अब तक केंद्रीय बजट में क्या-क्या किया बदलाव            

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मोदी सरकार आने के बाद से केंद्र की कई पारंपरिक चीजों में बदलाव किया गया है। योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग किया। इसके अलावा भी कई अति महत्वपूर्ण बदलाव किया जो चर्चा का विषय है। जिसमें एक केंद्रीय बजट भी है। जिसमें हलवा सेरेमनी की हमेशा चर्चा होती थी, लेकिन इस साल (2022-2023) के बजट में लड्डू सेरेमनी के साथ शुरू हुई। वहीं, दूसरी तरफ, एक समय था कि जब भारतीय बजट पेश होने से पहले चमड़े का ब्रीफकेस लेकर वित्त मंत्री सामने आते थे, लेकिन अब मोदी सरकार आने के बाद अब इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है जो अब केवल एक लाल कपडे तथा डिजिटल में सिमट गया है।

बता दें कि नरेंद्र मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री चुने गए थे और 10 जुलाई 2014 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार के तहत पहला केंद्रीय बजट पेश किया था। सबसे पहले मोदी सरकार ने 2015 में योजना आयोग को खत्म कर नीति आयोग का गठन किया। यह कदम उन पंचवर्षीय योजनाओं के अंत को भी चिह्नित करता है जो पहली बार अस्तित्व में आईं जब पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रधानमंत्री बने थे। पिछली पंचवर्षीय योजना 2012-17 की थी।

इसके बाद केंद्र सरकार ने 1924 से दो अलग-अलग बजट, रेल बजट और आम बजट पेश किए जाते थे। लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद इसमें भी बड़ा बदलाव किया गया। 2016 में मोदी सरकार ने रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया।

इसके अलावा, अंग्रेजों के ज़माने से हर साल 28 फरवरी को पेश किये जाने वाले केंद्रीय बजट को 2017 में 1 फरवरी को बजट पेश किया  गया जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया। बजट पेश करने की तारीख को यह सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ाया गया था कि बजट से संबंधित सभी प्रक्रियाएं 1 अप्रैल से पहले पूरी हो जाएं। वहीं, 5 जुलाई 2019 में वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट से संबंधित दस्तावेजों को लेकर पारंपरिक ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े के बैग के साथ बजट को पेश किया। इस कोरोना काल में भी काफी बदलाव हुआ।

1 फरवरी 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार डिजिटल बजट पेश करने के लिए ब्रीफकेस के बजाय एक टैबलेट लेकर पहुंची थीं। यह निर्णय इसलिए लिया गया था कि कोरोना के केसों में बढ़ोत्तरी हो रही थी। अब मोदी सरकार हलवा सेरेमनी को बंद कर दिया जो केंद्रीय बजट की पहचान थी। बता दें कि 2022 में वित्त मंत्रालय द्वारा कोई पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित नहीं किया गया था।

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