भारत के नवनियुक्त वित्त सचिव अजय सेठ ने शनिवार (29मार्च) को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को केवल करदाताओं और उधारी से नहीं, बल्कि रेटपेयर्स (सेवाओं के उपयोगकर्ताओं) से भी समर्थन मिलना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पानी, बिजली, सार्वजनिक परिवहन जैसी सेवाओं के उपयोगकर्ताओं को भी आर्थिक विकास में योगदान देना होगा।
राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेठ ने कहा, “भारत में सेविंग पूल सीमित हैं। हम आय उत्पन्न करते हैं, जिसे या तो खर्च करते हैं या निवेश करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि विकास को कौन फंड करेगा? इसके तीन ही स्रोत हैं – करदाता (टैक्सपेयर्स), अगली पीढ़ी (उधारी), और रेटपेयर्स। अब तक टैक्सपेयर्स और नेक्स्ट जनरेशन ने विकास को फंड किया है, लेकिन रेटपेयर्स की भूमिका नगण्य रही है। अब समय आ गया है कि वे भी अपनी भूमिका निभाएं।”
सेठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्यात भारत के विकास के चार प्रमुख इंजनों में से एक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में कृषि, एमएसएमई और विनिर्माण, निवेश, और निर्यात को विकास के चार इंजन बताया गया था।
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वित्त सचिव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ कठिन बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ भी अपने विकास मॉडल पर पुनर्विचार कर रही हैं। अमेरिका जैसे देश भी यह महसूस कर रहे हैं कि आगे बढ़ने के लिए कुछ अलग करने की जरूरत है।”
गौरतलब है कि अजय सेठ 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। हाल ही में उन्हें भारत का नया वित्त सचिव नियुक्त किया गया है। इस महीने की शुरुआत में उन्हें राजस्व सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था।