23 मई को मुंबई के डोंबिवली स्थित कंपनी में केमिकल विस्फोट हुआ था| इसमें 12 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए| इस धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार कंपनी के मालिक ने सुनवाई के दौरान एक अजीब दावा किया है| सुनवाई के दौरान दावा किया गया कि डोंबिवली में हुआ विस्फोट कोई मानवीय दुर्घटना नहीं बल्कि दैवीय कृत्य था और यह घटना प्राकृतिक थी|
इस सुनवाई के बाद कंपनी के मालिक मलय मेहता की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी गई है| मलय मेहता को उनकी पत्नी स्नेहा मेहता के साथ पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। कल्याण कोर्ट में सर जस्टिस श्रीमती एसएस राउल के कक्ष में सुनवाई चल रही थी|
यह बड़ा धमाका डोंबिवली के एमआईडीसी फेज 2 में हुआ। यह इतना भयंकर था कि आसपास के इलाके में लोगों के घरों, कारों और दुकानों की खिड़कियां टूट गईं। इसके अलावा धमाके के कारण दुकानों के शटर खुल गए। सम्राट ठक्कर ने कहा, यह एक प्राकृतिक दुर्घटना थी और दोनों आरोपियों को दो दिन यानी 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उस दिन, बढ़ती गर्मी के कारण रासायनिक विस्फोट हुआ था, इसलिए आरोपियों का इरादा किसी को चोट पहुंचाने का नहीं था।
दोनों वकीलों द्वारा प्रस्तुत तर्क: सरकारी अभियोजकों ने जांच पूरी करने, शवों की पहचान करने, रिएक्टर कहां से लाया गया था, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए सात और दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की। कंपनी के मालिक के वकील सम्राट ठक्कर ने औद्योगिक विभाग की राजस्थान अदालत को बताया कि ऐसी दुर्घटना होने पर धारा 304 ए लागू नहीं होती है, उन्होंने दावा किया कि कंपनी के कर्मचारियों को मारने या परेशान करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने सात दिन की पुलिस हिरासत न दिए जाने की दलील देते हुए कहा कि यह हादसा तकनीकी त्रुटि के कारण नहीं बल्कि गर्मी बढ़ने के कारण हुआ है|
उधर, इस दलील के बाद कोर्ट ने कंपनी के मालिकों को दो दिन और यानी अधिकतम 31 लोगों की पुलिस हिरासत में भेजने का फैसला किया| इस घटना में जान गंवाने वाले 12 लोगों में से केवल तीन की पहचान हो पाई है| इतना बड़ा हादसा हो गया और अब कंपनी के मालिक ने प्रकृति को जिम्मेदार ठहराया है|
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