लखनऊ। यूपी में कोरोना का तांडव ख़त्म ही नहीं हुआ है कि जहरीली शराब ने तीन जिलों आंबेडकर नगर, आजमगढ़ और बदायूं में 24 लोगों को मौत की नींद सुला दी। यूपी प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई देने के बावजूद प्रशासन अपना पल्ला झाड़ रहा है। जांच कर रही पुलिस का कहना है कि यह मौत जहरीली शराब पीने से नहीं हुई है।
बता दें कि यूपी प्रशासन जहरीली शराब को लेकर बड़े- बड़े दावा करता रहा है,लेकिन वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। आंबेडकर नगर में जहां 16 लोगों की मौत हो गई, वहीं आजमगढ़ में छह तथा बदायूं में दो युवकों की मौत हो गई है. सोमवार की शाम से शुरू हुआ मौतों का यह सिलसिला थम नहीं रहा है. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
18 लोग ने तोड़ा दम
आजमगढ़ के पवई थाना क्षेत्र के मित्तूपुर बाजार में सोमवार शाम शराब पीने के बाद दो दर्जन लोगों की तबीयत खराब होने पर उन्हें स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार देर रात को मौत की खबरें आने लगीं। मंगलवार तक 18 लोगों की मौत हो गई.
आबकारी निरीक्षक सहित चार लोग निलंबित
वहीं, अंबेडकरनगर जिले के जैतपुर, मालीपुर व कटका थाना क्षेत्र के गांवों में भी जहरीली शराब की आमद है. इन गांवों में भी सोमवार की रात से मंगलवार तक पांच लोग अपनी जान गंवा वा बैठे हैं। लेकिन प्रशासन इससे इनकार कर रहा है. जहरीली शराब पीने से अलग-अलग गांवों में हुई मौतों के आंकड़ों को पुलिस कम बताने में लगी हुई है. एसपी आलोक प्रियदर्शी का दावा है कि सिर्फ जैतपुर थाने के मखदूमपुर गांव में जहरीली शराब पीने का मामला जांच में सही पाया गया है और यहां कुल पांच लोगों की मौत हुई है.आंबेडकर नगर की घटना को आबकारी विभाग ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले में आबकारी निरीक्षक सहित चार लोगों को निलंबित कर दिया। इस मामले की जांच की जा रही है.
प्रशासन का इनकार
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण शराब के ठेके पर से शराब ला कर पीएं है जिसकी वजह से मौत हुई है। इन लोगों को पहले से कोई बीमारी भी नहीं थी. इधर, आजमगढ़ के जिलाधिकारी राजेश कुमार और एसपी सुधीर कुमार सिंह ने भी जहरीली शराब पीने से मौत की घटना से इन्कार किया है.