महाराष्ट्र के मालेगांव में एक अजीबोगरीब घटना सामने आयी, जहां मोहम्मद सूफ़ियान नाम के एक व्यक्ति ने बैंक लोन से बचने के लिए कथित तौर पर अपना मृत्यु प्रमाण पत्र ही बनवा लिया। अपने दोस्त मंसूर अहमद की मदद से सूफ़ियान ने नकली दस्तावेज़ बनाने के लिए विशेष सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया। जालसाजी का पता तब चला जब स्थानीय नगर निगम के वार्ड 4 के अधिकारियों ने प्रमाणपत्र के अप्रमाणिकता की पुष्टि की।
दोनों व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहाँ उन्हें आगे की जाँच के लिए चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस उपाधीक्षक (DSP) सूरज गुंजाल ने कहा कि इस अपराध के पीछे मुख्य उद्देश्य सूफ़ियान का अपनी वित्तीय देनदारियों से बचने का प्रयास था। पुलिस वर्तमान में जालसाजी की सीमा और नकली मृत्यु प्रमाण पत्र के किसी भी संभावित दुरुपयोग की जाँच कर रही है।
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यह घटना आधिकारिक दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता पर कई सवाल उठती है। बता दें की मालेगाव में हजारो की संख्या में बांग्लादेशियों को जाली जन्म प्रमाणपत्र और दस्तावेज देने के आरोप भी लगाए गए है। हालांकि संबंधित घटनाक्रम में, महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए विलंबित आवेदनों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसका उद्देश्य ऐसे फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से होने वाले अवैध अप्रवास को रोकना है। मालेगांव मामला अवैध उद्देश्यों के लिए आधिकारिक दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रियाओं की आवश्यकता की याद दिलाता है।