पूर्व बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (7 मार्च) को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनकी जमानत मंजूर करते हुए कुछ शर्तें लागू की हैं, जिनका उन्हें सख्ती से पालन करना होगा।
अदालत ने निर्देश दिया है कि अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश छोड़कर कहीं नहीं जा सकते, जब तक कि ट्रायल कोर्ट के विशेष जज से पूर्व अनुमति न लें। उन्हें लखनऊ स्थित अपने आधिकारिक आवास पर रहने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, यदि वे मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र की यात्रा करना चाहते हैं, तो इसके लिए ट्रायल कोर्ट और जिला पुलिस की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी लंबित मामले को लेकर सार्वजनिक बयान देने से बचना होगा।
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अब्बास अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। उन्होंने अदालत को बताया कि इसी तरह के आरोपों पर दर्ज एक एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, हालांकि अदालत ने नई एफआईआर दर्ज करने की छूट दी थी। गौरतलब है कि अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत दर्ज मामले में जमानत की अर्जी दायर की थी।