पुणे में जर्मन बेकरी बम विस्फोट में ​पीएफआई​ ​संगठन का हाथ?

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सभी पांचों संदिग्धों को नासिक जिला अदालत ने 17 तारीख तक 14 दिन की पुलिस हिरासत की सजा सुनाई है​|​ ​पीएफआई पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और समाज में अशांति फैलाने का आरोप लगाया गया है​|​ ​

पुणे में जर्मन बेकरी बम विस्फोट में ​पीएफआई​ ​संगठन का हाथ?

PFI organization's hand in the bombing of German Bakery in Pune?

राज्य की एटीएस टीम ने 22 सितंबर की तड़के छापेमारी कर पीएफआई अधिकारियों को गिरफ्तार किया था|​​ ​यह ​ऑपरेशन पूरे देश में राष्ट्रीय केंद्रीय प्रणाली और ईडी (ईडी) द्वारा कई राज्यों में किया गया था। नासिक के मालेगांव के साथ पुणे, बीड और कोल्हापुर से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
उस वक्त उन्हें 3 अक्टूबर तक एटीएस की कस्टडी दी गई थी। इसके मुताबिक जांच के दौरान बड़े सबूत हाथ में आए हैं और चौंकाने वाली बात यह है कि एटीएस ने पुणे में जर्मन बेकरी बम विस्फोट मामले में पीएफआई के सीधे तौर पर शामिल होने की जानकारी कोर्ट को दी है|​ एटीएस के इस खुलासे सनसनी फ़ैल​ ​गई है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सभी पांचों संदिग्धों को नासिक जिला अदालत ने 17 तारीख तक 14 दिन की पुलिस हिरासत की सजा सुनाई है|​ ​पीएफआई पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और समाज में अशांति फैलाने का आरोप लगाया गया है|​ ​

मालेगांव से गिरफ्तार किए गए पीएफआई के अधिकारी मौलाना सैफुर रहमान सईद अहमद अंसारी ने बंदूक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। एटीएस​ की ओर से​ पीएफआई ​को ​हैदराबाद में दोहरे बम विस्फोटों और पुणे में बहुप्रचारित जर्मन बेकरी विस्फोटों में शामिल​ होने की ​​बात भी कही गयी थी|

मालेगांव से मौलाना सैफुर रहमान सईद अंसारी, पुणे से अब्दुल कय्यूम बादुल्ला शेख, रजी अहमद खान, बीड से वसीम अजीम उर्फ मुन्ना शेख, कोल्हापुर से मौला नसीसाब मुल्ला को एटीएस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए इन लोगों के बैंक खातों में बड़ी रकम का लेन-देन दिखाई दे रहा है और संभावना है कि और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं|

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