बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवारवालों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने निकिता के साथ उसकी मां और भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है।
दरसल गिरफ्तारी से बचने के लिए निकिता और उसका परिवार इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया था। निकिता के साथ ही निशा सिंघानिया, अनुराग और सुशील सिंघानिया ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी। हालांकि हाई कोर्ट में अबतक इस पर सुनवाई नहीं की है। इस बीच ही पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
बेंगलुरु पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि गुरुग्राम से निकिता को पकड़ा गया है, तो वहीं अतुल की सास और साले की गिरफ्तारी प्रयागराज से हुई है। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया है। यूपी पुलिस की मदद से पुलिस ने यह तीनों गिरफ्तारियां की। जानकारी के अनुसार पुलिस लगातार निकिता को ट्रेस कर रही थीं।
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हालांकि, गिरफ्तारी से बचने के लिए निकिता और उसके परिवारवालों ने बहुत कोशिशें की। अतुल सुभाष के सुसाइड मामले ने जब तूल पकड़ना शुरू किया और देशभर में इसको लेकर बवाल हुआ, जिसके बाद जांच के लिए बेंगलुरु पुलिस भी जौनपुर पहुंची। हालांकि जैसे ही निकिता की मां और भाई पुलिस के आते ही फरार होते हुए एक वीडिओ भी सामने आया था।
बता दें की, पत्नी के झूठे आरोप और भ्रष्ट जज से तंग आकर अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को फांसी के फंदे पर लटककर अपनी जान दी। सुसाइड करने से पहले अतुल ने 24 पन्नों की एक चिट्ठी और 90 मिनट का वीडियो भी बनाया था, जिसमें उन्होंने अपने हर एक दर्द को बयां किया था। अपने मृत्यु पत्र में अपनी मौत के लिए दोषियों में अतुल ने सबसे पहला नाम फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक का नाम लिया था। लेकीन अब तक पुलिस या कोर्ट द्वारा महिला जज पर कोई एक्शन नहीं दिखा है।