महाराष्ट्र एटीएस ने बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़े एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जिन्हें भारत-बांग्लादेश की सीमा से लाया गया था। एटीएस ने एक नाबालिग लड़की समेत तीन बांग्लादेशी नागरिकों को मुंबई से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये आरोपी फर्जी तरीके से भारत के प्रमाण पत्र बनवाकर पासपोर्ट बनवाने की फ़िराक में थे।
एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार ये बांग्लादेशी नागरिक भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगे बाड़ काटकर या पैदल चलकर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव के भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के एक केंद्र में पहुंचना था, जहां उनका आधार कार्ड बनाया जाना था। इसके बाद ये जाली दस्तावेजों के आधार पर उन्हें मुंबई सहित भारत के विभिन्न शहरों में भेजा जाता है।
इसके बाद ये अन्य फर्जी भारतीय दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र प्राप्त कर वे भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करते हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों में से एक लड़की का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बन गया था, और मिल भी गया था, जबकि दो अन्य को भी जल्द मिलने वाला था।
महाराष्ट्र एटीएस ने एक स्थानीय व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। जो बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराया था। जिसका नाम संतोष वर्ने बताया जा रहा है। इस बीच, एटीएस ने स्कूल छोड़ने के खाली प्रमाण पत्र की एक पुस्तिका भी बरामद ही है, जिसमें किसी स्कूल या अन्य जानकारी नहीं दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस खाली प्रमाण पत्र को अवैध रूस से भारत में आये बांग्लादेशी नागरिकों के विवरण भरने के बाद ही इस पर मुहर लगाई जाती थी।
सबसे बड़ी बात यह है कि, फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए बहुत पुराने प्रारूप का इस्तेमाल किया जा रहा था। जब मुंबई, बॉम्बे हुआ करती थी। एटीएस अधिकारियों के अनुसार, इस गिरोह का सरगना पश्चिम बंगाल का सरदार शेख उर्फ़ मोनजिल मंडल बताया जा रहा है।
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