उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में रविवार (28 जुलाई)देर रात उत्तर प्रदेश एसटीएफ (नोएडा यूनिट), बिहार पुलिस और हापुड़ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बिहार के कुख्यात गैंगस्टर डब्लू यादव को मुठभेड़ में मार गिराया गया। पुलिस ने पुष्टि की है कि यह कार्रवाई एक लंबे समय से वांछित और इनामी अपराधी को पकड़ने के लिए की गई थी, जिस पर ₹50,000 का इनाम घोषित था।
डब्लू यादव की पहचान सूर्य नारायण यादव के पुत्र और थाना साहेबपुर कमाल, जिला बेगूसराय (बिहार) के निवासी के रूप में की गई। वह बिहार पुलिस की ए-121 रजिस्टर्ड गैंग लिस्ट में शामिल था और वर्षों से क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना हुआ था।
हत्या और आपराधिक इतिहास
पुलिस के अनुसार, डब्लू यादव ने 24 मई 2025 को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम पार्टी) के प्रखंड अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता विकास कुमार उर्फ राकेश को अगवा कर नृशंस रूप से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसने शव को बालू में दफना दिया था। इस जघन्य अपराध को लेकर थाना साहेबपुर कमाल में एफआईआर दर्ज की गई थी और तभी से वह फरार चल रहा था।
इससे पहले वर्ष 2017 में भी डब्लू यादव ने एक गवाह महेंद्र यादव की हत्या की थी, जिसने कोर्ट में उसके खिलाफ गवाही दी थी। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज विवरण के अनुसार, डब्लू यादव के खिलाफ हत्या के 2, हत्या के प्रयास के 6, लूट के 2, डकैती का 1, रंगदारी के 2 और अन्य कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।
संयुक्त ऑपरेशन के दौरान जैसे ही पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, डब्लू यादव ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया और अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है।
बिहार पुलिस लंबे समय से इस दुर्दांत अपराधी की तलाश कर रही थी। उसकी गिरफ्तारी या समाप्ति के लिए उत्तर प्रदेश एसटीएफ की मदद ली गई। इस सफल ऑपरेशन को राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा एजेंसियों ने अंतरराज्यीय समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बताया है। डब्लू यादव की मौत को बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में अपराध नियंत्रण के प्रयासों के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सहयोगियों की तलाश में जुट गई है।
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