कर्नाटक के चित्रदुर्ग शहर में 12 साल के बच्चे की फांसी से लटककर मौत हो गई। गत शनिवार की शाम बालक अपने घर पर स्कूल के कार्यक्रम की तैयारी कर रहा था। लड़का स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की भूमिका निभाना चाहता था, इसलिए वह मौत की सजा के लिए पूर्वाभ्यास कर रहा था। पुलिस के अनुसार घटना के समय बालक संजय गौड़ा घर पर अकेला था। उनके माता-पिता नागराज और भाग्यलक्ष्मी शहर के केलगोट बडावने इलाके में थे, जहां वे दोनों थिप्पाजी सर्कल के पास एक रेस्टोरेंट चलाते हैं।
बडावने पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर केआर गीताम्मा ने टीओआई को बताया कि कक्षा 7 की छात्रा के साथ घटना रात करीब 9 बजे हुई। इस बात का पता तब चला जब उसकी मां होटल से लौटी। मां घर पहुंची तो घर का दरवाजा अंदर से बंद मिला। इसके बाद लड़के की मां ने पड़ोसियों को बुलाकर दरवाजा खटखटाया| उसके बाद भी कोई हलचल नहीं हुई, पड़ोसियों ने खिड़की से देखा तो लड़के को पंखे से लटका देखा।
घटना की जानकारी मिलने के बाद लड़के की मां भाग्यलक्ष्मी ने अपने पति नागराज को फोन किया, जिसके बाद नागराज घर पहुंचे और मास्टर चाबी से दरवाजा खोला| संजय के माता-पिता और पड़ोसी उसे सरकारी अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि लड़के ने फांसी के फंदे को रस्सी से बांधा और भगत सिंह को फांसी देने के लिए रंग में प्रशिक्षण ले रहा था। आरोप है कि छात्र ने पहले अपना सिर हुड में डाला और फिर चारपाई से कूद गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई|
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