बिलकिस बानो मामला: 11 दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में आग लगने से 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। उसके बाद पूरे गुजरात में दंगे फैल गए। करीब एक महीने तक चले दंगों में 2 हजार से ज्यादा मुसलमान मारे गए थे।

बिलकिस बानो मामला: 11 दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

11 convicts in Bilkis Bano case challenged in Supreme Court

​बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के माफी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा है कि वह इस मामले पर विचार करेंगे।

गुजरात के बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के सभी 11 आरोपी जेल से रिहा हो गए हैं| गुजरात में बीजेपी सरकार की एमनेस्टी पॉलिसी के तहत सभी आरोपियों को रिहा कर दिया गया है| अधिवक्ता अपर्णा भट ने आज यानी 23 अगस्त की सुबह प्रधान न्यायाधीश के समक्ष मामले का जिक्र किया और बुधवार को तत्काल सुनवाई की मांग ​की ​एनवी रमन्ना मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गए हैं।

27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में आग लगने से 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। उसके बाद पूरे गुजरात में दंगे फैल गए। करीब एक महीने तक चले दंगों में 2 हजार से ज्यादा मुसलमान मारे गए थे।

पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो अपनी बेटी और 15 सदस्यों के परिवार के साथ इस दंगे में भीड़ से छिपने के लिए दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका गई थी, जब 20-30 लोगों की भीड़ ने उसके परिवार को रोका। और बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और बाद में भीड़ ने बानो की बेटी सहित परिवार के 7 सदस्यों को मार डाला। इन आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। 2008 में इन आरोपियों को सजा सुनाई गई थी।

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