मुंबई अपराध शाखा की एक बड़ी सफलता में सीबीआई (CBI) ने 21 साल से फरार चल रहे बैंक धोखाधड़ी के आरोपी दिनेश डी. गेहलोत को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एजेंसी की लगातार और सूक्ष्म जांच का नतीजा है। आरोपी को एक हाई-वैल्यू बैंक फ्रॉड केस में वांछित घोषित किया गया था।
मामला 31 मई 2004 को दर्ज हुआ था, जब गेहलोत पर आरोप लगा कि उसने फर्जी और जाली दस्तावेजों के जरिए बैंक ऑफ बड़ौदा से हाउसिंग लोन हासिल किया। जांच पूरी होने के बाद 30 अप्रैल 2007 को चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें उसे षड्यंत्रकारियों में शामिल बताया गया। लेकिन आरोपी ने न तो ट्रायल जॉइन किया और न ही कोर्ट के समन/वारंट का जवाब दिया। 2004 से फरार आरोपी पर कई गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किए गए, और 9 दिसंबर 2024 को सीबीआई की विशेष अदालत, ग्रेटर बॉम्बे ने उसके खिलाफ उद्घोषणा वारंट जारी किया। इसके बावजूद वह वर्षों तक पकड़ से बाहर रहा।
जांच में सामने आया कि गेहलोत लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा और स्थानीय लोगों को अपनी असली पहचान से गुमराह करता रहा। वह आसपास के निवासियों से भी सीमित संपर्क रखता था, जिससे उसकी गिरफ्तारी मुश्किल हो गई।
आखिरकार, सीबीआई ने उन्नत तकनीकी उपकरणों और पहचान-ट्रैकिंग डाटाबेस की मदद से आरोपी की डिजिटल गतिविधियों का विश्लेषण किया। इसके साथ ही जमीनी स्तर पर गहन पूछताछ और फील्ड इन्वेस्टिगेशन चलाए गए। इन प्रयासों से आरोपी का वर्तमान ठिकाना नोएडा में पता चला।
20 अगस्त 2025 को गेहलोत को गिरफ्तार कर मुंबई की सक्षम अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। फिलहाल वह ट्रायल का सामना कर रहा है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने इस ऑपरेशन पर कहा, “यह मामला इस बात का उदाहरण है कि तकनीक-आधारित इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म्स को जब जमीनी स्तर पर अधिकारियों की निरंतर मेहनत से जोड़ा जाता है, तो लंबे समय से फरार अपराधियों को भी पकड़ा जा सकता है।”
यह भी पढ़ें:
जयशंकर का यूरोप को सख़्त संदेश, “अगर रुसी तेल पसंद नहीं तो मत खरीदो, कोई मजबूर नहीं कर रहा”
रोहिंग्या–बांग्लादेशियों के लिए मनपा स्कूल की जमीन हड़पने की कोशिश? लोढा का दो-टूक इशारा
गणेशोत्सव में मुंबई मेट्रो की बड़ी सौगात: अब रात 12 बजे तक मिलेंगी सेवाएँ



