देश में एक बहुचर्चित बैंक धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सात साल बाद बड़ी सफलता हाथ लगी है। एजेंसी ने 12.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में सात साल से फरार चल रही आरोपी नसरीन ताज को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया है। वह लंबे समय से सलमा नाम से पहचान छिपाकर रह रही थी और बार-बार अपना ठिकाना बदल रही थी ताकि गिरफ्तारी से बच सके।
यह मामला सिंडिकेट बैंक की मांड्या शाखा से जुड़ा है, जहां 15 अप्रैल 2009 को तत्कालीन शाखा प्रबंधक असदुल्लाह खान और आठ अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेजों के जरिए बैंक को चूना लगाने का केस दर्ज किया गया था। सीबीआई की जांच में सामने आया कि इन लोगों ने मिलकर बैंक से करीब 12.63 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की योजना बनाई थी।
आरोपी असदुल्लाह खान की पत्नी नसरीन ताज के पास कोई स्थायी आय का स्रोत नहीं था। इसके बावजूद उसने टेंपरेरी ओवरड्राफ्ट (TOD) की सुविधा के तहत करीब 1.2 करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये के कृषि लोन का लाभ धोखाधड़ी से उठाया। लोन की रकम कृषि विकास के लिए मंजूर की गई थी, लेकिन इसका इस्तेमाल टीओडी की राशि चुकाने में किया गया, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।
सीबीआई ने इस मामले में 12 अक्टूबर 2010 को आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें नसरीन ताज को भी सह-षड्यंत्रकारी बताया गया। वह 2019 से फरार थी और उसके खिलाफ कई गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किए गए थे। नवंबर 2021 में बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उसकी संपत्ति की जब्ती और कुर्की का आदेश भी दिया था।
गिरफ्तारी से बचने के लिए नसरीन ने अपने पति और परिवार से भी संपर्क तोड़ लिया था और वह स्थानीय लोगों तथा नियोक्ताओं को अपनी असली पहचान से गुमराह कर रही थी। वह बार-बार अपना निवास स्थान बदल रही थी और बेहद सतर्कता से रह रही थी, जिससे एजेंसियों को उसकी तलाश में मुश्किलें पेश आ रही थीं।
CBI की तकनीकी टीम ने आरोपी के डिजिटल फुटप्रिंट्स का गहन विश्लेषण किया और पहचान ट्रैकिंग डेटाबेस का इस्तेमाल करते हुए अंततः उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली। बेंगलुरु में सलमा के नाम से रह रही नसरीन ताज की पुष्टि होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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